Monday, July 20, 2015

गुजरात का डांडिया नृत्य

पूरा गुजरात नवरात्र की तैयारी में जुट गया था! गुजरात ही क्यों, पूरा देश नवरात्र के स्वागत के लिए तैयार हो रहा था! सारे देश में नवरात्र अलग अलग ढंग से मनाए जाते हैं! पश्चिम बंगाल में देवी दुर्गा पूजा का आयोजन होता है, तामिलनाडू के घर घर में कोलू दिखाया जाता है, आंध्र, कर्नाटक और केरला में नवरात्र के नौ दिन और रात में अलग अलग सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन होता है! लेकिन गुजरात की बात ही कुछ और है, सारी गुजराती लड़कियाँ और औरतें नवरात्र में सारी रात गरबा एवं डांडिया खेलती हैं!
मुझे एक बार दिल्ली जाना था और मैं रात में मुंबई के एक होटल में ठहरा था! मैं भूल गया कि नवरात्र चल रहे हैं। और मेरे भाग्य में कुछ और ही लिखा था। मुझे सुबह की उड़ान पकड़नी थी इसलिए थोड़ी नींद लेने के लिए मैं जल्दी सो गया! रात दस बजे मेरी नींद ढोल की आवाज ने तोड़ दी। मैं अपने बिस्तर में बैठकर सोचने लगा कि क्या हुआ? मैं बाहर आया तो देखा नाच-गाने की तैयारियाँ हो रही थी। लोग समूह बना रहे थे, ढोल वाले जोर जोर से ढोल बजाकर लोगों का ध्यान आकर्षित करके उनको बुला रहे थे। फिर नाच गाना शुरू हो गया। वहाँ बहुत अदभुत नजारा था। मैंने सोचा, ऐसे नज़ारे बार बार देखने को नहीं मिलते, इसलिए थोड़ा नाच-गाना देख लूँ !
खूबसूरत, प्यारी सूरत वाली लड़कियाँ और भाभियाँ हाथ में डांडिया लेकर संगीत के ताल पर नाच रही थी। मैंने उन्हें हाथ हिलाकर हैलो किया और हवा में इशारा करके हवाई चुम्बन दिया। दो तीन लड़कियों ने मेरे इशारों को हंसकर प्रतिसाद दिया। पूरा गाना खत्म होने में एक घंटा लगा! फिर नया समूह बनाना शुरु हो गया।
अचानक एक लड़की जिसने मेरे इशारे को प्रतिसाद दिया था, मेरे पास आई और मुझसे गुजराती में कुछ बोलने लगी। मैं समझ नहीं पाया कि वो क्या बोल रही है। इसलिए मैंने हिंदी में उसे पूछा- तुझे क्या चाहिए?
उसने मुझसे पूछा- क्या आप इस होटल में ठहरे हुए हैं?
मैंने कहा- हाँ !
उसने पूछा- क्या मैं आपके कमरे में पानी पीने आ सकती हूँ?
मैं बोला- हाँ हाँ ! क्यों नहीं !
मैं अपने कमरे की तरफ जो पहले माले पर था, दौड़ते हुए निकल पड़ा। वह लड़की मेरे पीछे पीछे दौड़ती हुई आ गई। मैंने दरवाजा खोला और जग में से पानी निकाल कर ग्लास में भरकर उसे देने लगा। पर वो वहाँ नहीं थी, वो मेरे बिस्तर में लेट गई थी।
वो बोली- मैं बहुत थक गई हूँ, थोड़ा लेट जाती हूँ !
मैं उसके पास में बैठ गया। मैंने देखा कि वो 20 साल के करीब की अमीर खानदान की लड़की थी। बड़ी चूचियां, पतला पेट और कमर, बहुत मेकअप ! उसका ब्लाउज जो बहुत सारे सजावटी सामान के सजा हुआ था, उसे अन्दर से चुभ रहा था। इसलिए उसने अपने ब्लाउज के कुछ बटन खोल दिए। अब उसकी बड़ी बड़ी चूचियाँ ब्रा से बाहर झांक रही थी।
मैंने उससे पूछा- क्या मैं तुम्हारी ब्रा खोलने में मदद कर सकता हूँ?
उसने मुस्कुराते हुए मेरी तरफ देखा और अपनी पीठ मेरे तरफ कर दी। मैंने झट से उसके ब्लाउज के निचले भाग को थोड़ा ऊपर किया और ब्रा का हुक खोजकर उसे खोल दिया! फिर वो पीठ के बल लेट गई और मेरी तरफ आशा से देखने लगी। कमरे का ऐ.सी. चल रहा था और कमरा काफी ठंडा था। मैंने अपना हाथ उसकी चूचियों पर गोलाकार घुमाना शुरू कर दिया। वो अपनी आँखें थोड़ी मूंदकर मेरे स्पर्श का आनंद ले रही थी। उसके चुचूक कड़े हो गए थे। मुझे इतना इशारा काफी था, वो मेरे बिस्तर पर अपने पैर थोड़े फैलाकर मुझे निमंत्रित कर रही थी।
मैं उसके सामने आ गया और थोड़ा झुककर उसकी चूचियों को अपने मुँह में लेकर चूसने लगा। वो गर्म सांसें निकालकर मेरे लण्ड की तलाश में अपना हाथ मेरे पायजामे के नाड़े तक लेकर गई और मेरा नाड़ा खोलकर मेरा तना हुआ लंड अपने हाथ में पकड़ लिया। उसकी इस आक्रमकता से में हैरान हो गया। मैंने भी अपनी आक्रमकता बढ़ाई और उसका लहंगा ऊपर किया। अब उसकी खूबसूरत जांघें दिखाई दे रही थी। उन्हें सहलाने का मोह दबाकर मैंने उसकी गीली चड्डी उतार दी। मेरे सामने क्लीन शेव सुनहरी रंग की चूत थी! मैंने उसके पैरों को थोड़ा फैलाकर आगे की तैयारी शुरु कर दी।
वो बोली- जल्दी करो, लोग मुझे ढूँढ़ते होंगे!
मैंने अपना तना हुआ लंड उसकी चूत के मुँह पर रखकर जोर का झटका देकर उसकी चूत में पूरा घुसा दिया।
वो लड़की कुंवारी तो नहीं थी लेकिन उसकी चूत काफी कसी थी। उसकी कसी चूत का मैं पूरा मजा ले रहा था।
उसके मुँह से अब जोर जोर से आहें निकल रही थी! मैंने उसे बहुत आराम से चोदा। मेरा एक हाथ उसकी चूत को बगल से रगड़ रहा था। जैसे ही मैंने अपना वीर्य उसकी चूत में छोड़ा, वो आनंद की चरमसीमा तक पहुँच गई। मुझे झड़ने में दस मिनट लगे और इस दौरान वो दो बार चरमसीमा तक पहुँची।
जब मैंने अपना लंड बाहर निकाला तो उसने झट पूछा- बाथरूम कहाँ है?
बाथरूम में गई और अपने को साफ किया, कपड़े संवारकर बाहर आई, मेरे गाल पर चुम्बन देकर मुझे धन्यवाद दिया और बाहर भाग निकली! मैं उसे जाते हुए देख रहा था। वो कब और कहाँ अँधेरे में भीड़ में खो गई मुझे पता नहीं लगा। मैं तो उसका नाम भी पूछना भूल गया।
मुझे नींद नहीं आ रही थी इसलिए मैंने समय बिताने के लिए अपने लैपटॉप पर गूगल और याहू पर सर्फ़ करना शुरू किया! मैंने 'नवरात्र' शब्द से गूगल और याहू पर सर्च करके गुजरात की संस्कृति के बारे में जानकारी प्राप्त की। थोड़ी देर बाद मैंने देखा कि एक लड़की मेरे कमरे की तरफ दौड़ती हुई आ रही थी। मैं सोच में पड़ गया कि यह लड़की ठीक मेरे कमरे की तरफ ही कैसे आ रही है? मैं तो इसे नहीं जानता। शायद यह पहले वाले लड़की की सहेली होगी! मैं उसके स्वागत के लिए दरवाजे पर खड़ा हो गया। उसने पीने के लिए पानी माँगा तो मेरा शक यकीन में बदल गया।
मैं उसे बोला- ठीक है, अन्दर आओ !
यह लड़की भी पहली वाली लड़की की उम्र के आसपास की थी। वो दौड़कर सीधा बेड पर लेट गई। मैंने उसे ग्लास भरकर पानी दिया जो उसने एक घूंट में पी लिया। मैंने अपना हाथ उसके पेट के ऊपर रख दिया तो उसने मुझे मुस्कुरा कर देखा। मैंने उसे पूछा- क्या तुम्हारी सहेली ने तुम्हें मेरे पास पानी पीने भेजा है?
वो मुस्काराकर बोली- हाँ !
मैं बोला- ठीक है तो फिर घूम जाओ ताकि मैं तुम्हारी ब्रा का हुक खोल सकूँ!
वो घूम गई और अपनी पीठ मेरी तरफ कर दी। मैंने ब्रा का हुक खोल कर उसकी चूचियों को ब्रा के चंगुल से मुक्त कर दिया। उसके चुचूक पहले से ही कड़े हो चुके थे। मैंने झुक कर उनको चूसना चालू कर दिया। मैंने उसके लहंगे को ऊपर करके उसकी गीली चड्डी को उतार दिया। यह लड़की बहुत ही कामुक और कामक्रीड़ा में सहयोग देने वाली थी।
उसने मेरे लंड को पकड़कर मुझे सुझाव दिया कि मैं पीठ के बल लेट जाऊँ और वो मेरे ऊपर घुड़सवारी करेगी।
मैंने कहा- ठीक है !
जीवन में कभी कभी बदलाव अच्छा रहता है!
यह लड़की जिसका नाम रति था, उसने एक ही झटके में मेरा लंड अपने चूत में घुसाकर मुझे चोदना शुरू कर दिया। मुझे अनुभव हुआ कि वह एक तरबेज घुड़सवार है! मैंने उसकी चूचियों और चुचूकों को दबोचकर उसे प्रोसाहन दिया! बाहर के संगीत की लय में वो अपने बदन को हिला रही थी। उसके मुँह से जोर जोर से आहें निकल रही थी। आखिर में जब वो आनंद की चरम सीमा तक पहुँची तो उसने अपनी चूत से मेरा लंड बाहर निकाल दिया।
मैंने उसे दोबारा चोदने की इच्छा जताई तो उसने कहा- अभी नहीं ! लोग मुझे ढूँढ़ते होंगे ! बाद में फिर आउंगी !
वो बिस्तर से कूदी, बाथरूम में गई, अपने को साफ किया, कपड़े संवारे, मेरे गाल पर चुम्बन देकर मुझे धन्यवाद दिया और भाग कर भीड़ में खो गई! रात का एक बज चुका था। मुझे बाद में उस रात और कोई लड़की नहीं मिली और मुझे भी सुबह की उड़ान पकड़नी थी। इस दो लड़कियों को चोदने का भाग्य मिलने से मैं खुश था! मैं भविष्य की नवरात्र की सारी रातें फिर इसी होटल में बिताने के संकल्प करके सो गया ! शायद मेरे भाग्य में ऐसी बहुत सी रातें और आ��

गुजराती भाभी नी चोदी

वैसे तो मेरा नाम ही काफ़ी है गुजरात की औरतों की चूत में हलचल पैदा करने के लिये वैसे आप सभी दोस्त मुझे जानते ही हो
एक दिन एक मेल आया और मुझसे कहा कि कोन्टक्ट मी तो मैने जवाब दिया और ऑनलाइन टाइम दिया दोस्तो आप यकीन नहीं करोगे उसने मेरे रिप्लाई के लिये ६ घंटे ऑनलाइन वेट किया था (उसने बाद में बताया) और मैं उसे मेल करके अपना पीसी बंद ही कर रहा था कि उसका रिप्लाई मेल ओन थिस स्पॉट आया और उसी वक्त हम ओन-लाइन मिले, मैं ने उससे पूछा तुम कोन हो?
उसने बताया कि मैं २४ साल की विवाहित औरत हूं और आपकी स्टोरी मुझे बहुत पसंद आई मैने पूछा मैने तो बहुत स्टोरी लिखी हैं आपको कौन सी पसंद आई उसने कहा कि वो सुहागरात वाली मैने उसे कहा बोलिये मै आप के लिये क्या कर सकता हूं? उसने कहा कि आप जानते ही हो मैने कहा सॉरी मुझे नही पता तुम क्या कहना चाहती हो ? उसने कहा मुझे बताने में शर्म आती है मैने कहा आप के और मेरे बीच जो बात होगी वो किसी तीसरे को पता नही चलेगी. उसने कहा आइ वांट टो मीट यु एंड एन्जॉय विथ यु मैने कहा आपका मतलब क्या है? उसने कहा तुम बड़े फ़ास्ट हो ओ के मै तुम्हारे साथ सेक्स एन्जोय करना चाहती हूं। मैने कहा -ठीक है,बताओ कब कहां मिलना है?उसने कहा मुझे नहीं पता, तुम ही बताओ। मैने कहा -बतओओ तुम्हारा नाम क्या है और कहां रहती हो? उसने कहा -मेरा नाम पायल है और मै गुजरात में रहती हूं। (आप समझ ही गये होंगे कि ये नाम बदला हुआ है) मैने कहा आपके घर में कौन कौन है उसने कहा -मैं और मेरे पति। मैने कहा तो क्या प्रोब्लम है तुम्हारे घर पर ही मिलते है उसने कहा नहीं, मुझे बहुत डर लगता है, किसी होटल में मिलें?
मैने कहा देखो होटल से घर ज्यादा सेफ़ रहता है कुछ देर बाद उसने कहा ओ के ! मेरे पति अगले मंगलवार को मेरे हबी बिजनेस के काम से बाहर जाने वाले हैं। तुम मुझे अपना फ़ोन नम्बर दे दो, मैं तुम्हे काल करुंगी। मैने कहा ठीक है। मंगलवार को उसने मुझे फोन किया उसकी आवाज़ बहुत ही सेक्सी थी उसके बात करने का अंदाज भी काफ़ी सेक्सी था उसने कहा कि मेरे हबी १२ बजे बाहर जाने वाले हैं तुम १ बजे आ जाओ और अपना पता दिया मैं ठीक उसके दिये हुये टाइम पर उसके घर पर पहुंचा और डोरबेल बजाई तो उसने दरवाजा खोला मैं तो उसे देखता ही रह गया क्या लुक था उसका ५.१० हाईट, गोरा रंग और सेक्स बम दिख रही थी। मैं तो उसे देखता ही रह गया उसने पूछा क्या है?
पायल?
उसने हां में सर हिलाया मैं ने कहा मैं सुनील हूं।तो उसने मुझे वेलकम किया और हम अंदर गये और उसने दरवाजा बंद कर दिया उसका फ़्लैट काफ़ी शानदार था उसने मुझे बैठने को कहा और वो पानी लेने किचन में चली गई।
उसने साड़ी नाभि के नीचे से बांध रखी थी और जब वो चल रही थी तो उसकी बैक साइड बैकलेस ब्लाउज़ होने की वजह से क्या कयामत ढा रही थी वो पानी लेके आई और पूछा घर ढूंढने में कोई परेशानी तो नहीं हुई मैं ने कहा डियर मैं इसी शहर में रहता हूं क्या परेशानी होती फिर उसने कहा वेल क्या पियोगे चाय, कोफ़ी या कुछ कोल्डड्रिंक्स मैं ने कहा डियर आज मैं तुमको पीने के मूड में हूं तो वो एक मीठी सी मुस्कान के साथ अपनी आंखें बंद की और अपने होंठ आगे किये और कहा लो डियर पी लो काफ़ी गर्म हैं। मैं ने कहा श्योर ! और हम फ़्रेंच किस करने लगे मैं एक हाथ से उसके बालो, गर्दन और बैक को सहलाने लगा और दूसरे हाथ से उसकी जांघे सहलाने लगा और हमारे लिप्स और जीभ एक दूसरे में समा गये १५ किस करने के बाद उसने कहा रवि यहां नहीं बेडरूम में चलो मैं ने कहा चलो जान ! फिर वो मुझे बेडरूम में ले गई और वो आगे चल रही थी और मैं उसके पीछे बेडरूम में जाके मैं ने उसे पीछे से पकड़ कर अपने से जकड़ लिया और उसके बूब्स दबाने लगा और उसकी गर्दन और कंधे पर किस करने लगा धीरे से उसके कान पर लव बाइट किया तो तिलमिला उठी और घूम कर मेरे सीने से लिपट गई, मैं उसकी पीठ और हिप्स को सहलाता रहा और वो मुझे कसके पकड़े खड़ी रही।
फिर मैने उसका चेहरा जो मेरे सीने में उसने छुपा लिये थे वो ऊपर किया और हम किस करने लगे मैं ने उसके बूब्स सहलाते सहलाते उसकी साड़ी उतार दी और ब्लाउज़ के ऊपर से उसके बूब्स दबाने लगा वो आआआआअह्हह्ह आआआआआअह्ह करने लगी फिर मैं ने एक हाथ उसके पेटीकोट के ऊपर से उसकी चूत पर रखा तो वो पहले से ही गीली हो गई थी मैं ने चूत को थोड़ा सहलाया फिर उसके ब्लाउज़ और पेटीकोट को उतार दिया और वो मेरे सामने केवल ब्रा और पैंटी में खड़ी खुले रेशमी बाल ऐसा लगता था कि कोई मार्बल का स्टेच्यु हो वो किसी फिल्म में। पायल को मैं ने उसे सर से लेकर पांव तक बोडी हर एक पार्ट को चूमा वो मेरे हर एक किस पर सिसकती जाती थी फिर वो बोली के मुझे और मत तड़पाओ डियर अब मुझसे सब्र नहीं होता उसने मेरे सारे कपड़े फ़टाफ़ट निकाल दिये और मेरी बोडी को अपने हाथों से सहला के मेरे डिक को पकड़ के सहलाने लगी और नीचे घुटनो के बल बैठ के मेरे लौड़े को मुंह में लेके लोलीपोप की तरह चूसने लगी मुझे भी बड़ा मज़ा आ रहा था दोस्तो पूरी बोतल का नशा छा रहा था मैं मदहोश हुआ जा रहा था क्या बताऊं क्या हालत हुई थी मेरी उसके लंड चूसने से।
फिर मैं ने उसे उठाया और हम बेड पे गये मैं ने उसकी ब्रा और पैंटी उतार दी और उसको लिटा कर उसे किस किया फिर उसके बूब्स क्या कयामत थे उसे दबाया और उसकी निप्पल को चूसा जब मैं उसकी निप्पल पे अपनी जीभ घुमाता था तब वो आअह्हह्हह्हह स्सस्सस्सस्सहुसूऊऊऊऊओ और दबवूऊऊऊओ आआआआआआअ मज़ा आआआआआअ रह्हह्हह आआआआअहे दियर सच कहूं दोस्तो वो इतनी फ़ेयर थी कि जब मैं ने उसके बूब्स दबाये तो वो एकदम लाल हो गये फिर थोड़ा नीचे होकर मैं ने उसकी नाभि में जीभ घुमाई तो वो मेरे बालों को पकड़ कर मुझे हटाने लगी फिर मैं थोड़ा और नीचे हुआ और उसके दोनो पैरों को खोल कर उसकी चूत पर मैं ने अपने होंठ रहे और किस किया वो बोली कितना तड़पा रहे हो कल्प प्लीज़ जल्दी से खा जाओ इसे मैं उसकी क्लीन शेव चूत को बड़े मज़े लेकर चाटने लगा मेरी जीभ से ही वो दो बार झड़ गयी उसकी आवाजें सुन कर तो मुझे ऐसा लगा कि वो जिंदगी मैं पहली बार चुदवा रही हो ऐसा रियेक्ट कर रही थी उसने कहा कि तुमने तो मुझे चाट कर के ही ढीला कर दिया मैं ने कहा मेरी जान तुमने एंजोय ही तो करना था न बोलो हुआ कि नहीं एंजोय, उसने कहा हां बहुत फिर मैं साइड में लेट गया और वो मेरे लंड को थोड़ी देर चूस ने के बाद मेरे लंड के उपर सवार हो गई क्या स्ट्रोक लगा रही थी वो।
दोस्तो जब वो मेरा लंड अपनी चूत में लिये आगे पीछे हो रही थी और आह्ह्हाअह कम ओन आह्ह्हाअह आआ अह आह कर रही थी उसके बूब्स जो उछल रहे थे उसे देख कर मेरा सेक्स पावर और बढ़ गया वो मेरे सीने को सहलाते हुए स्ट्रोक कर रही थी और साथ साथ में किस भी कर रही थी और में उसके गोरे गोरे बूब्स भी दबा रहा था वो तो आह्ह्हाअह आह्ह्हाअह आआ अह आह कम ओन मी चोदो चोदो मुझे फ़क मी ! कर रही थी समझ में नहीं आ रहा था कि वो मुझे चोद रही है या मैं उसे चोद रहा हूं वो ऐसे ही दो बार झड़ गई और बोली बस अब और नहीं तो मैं ने कहा डियर अभी तो तुम्हारा ही हुआ है मेरा तो कुछ एंजोयमेंट करो तो वो साइड में सो गई और मैं उसके ऊपर चढ़ गया और उसकी लाल लाल चूत में लंड डालकर उसे चोदने लगा थोड़ी देर में मेरा भी निकलने वाला था तो मैं ने कहा कि आइ एम कमिन्ग्। उसने कहा डोंट वरी, अंदर ही डाल दो मैं गोली ले चुकी हूं और मैं उसे चोदते चोदते उसकी चूत में ही झड़ गया मेरे कम से उसकी चूत चिकनी हो गई फिर हम रिलेक्स होकर बेड पे लेट गये एक दूसरे को चिपक कर।
फिर मैं ने उससे पूछा कि डियर तुम क्या अपने पति से संतुष्ट नहीं हो क्या तो उसने कहा कि मैं अपने पति से बहुत संतुष्ट हूं तो मैं ने पूछा तो तुम मेरे साथ एंजोय करना क्यों चाहती थी तो उसने कहा कि रोज एक ही तरीके के सेक्स से बोर हो गई थी तो सोचा कुछ अलग करुं तो मैं ने कहा तो कैसा रहा तो बोली आइ एम वैरी हैपी! तो मैने कहा जिसको जो चाहिये वो मिल ही जाता है तो बोली लेकिन हम ये सब दोबारा नहीं करेंगे। तो मैने उसे कहा कि डियेर जो तुम्हारी मर्जी फिर हम बाथरूम में जाकर फ़्रेश हुए और फिर मैं कपड़े पहन अपनी फ़ी लेकर वापस चला आया और फिर हम एक दूसरे को भूल गये नहीं कभी उसने मुझे सम्पर्क किया न ही मैने कभी्।

गुजराती औरत के लिए महत्व की बात

मैं २६ साल का लड़का हूं। ये मेरी दूसरी कहानी है। उस दिन बारिश में रीना और अंजली को चोदने के बाद मैं घर चला गया और अगले दिन रीना का फोन आया। उसने कहा कि मुझे आप के साथ बहुत मज़ा आया और मेरी भाभी आप से चुदवाना चाहती है। तो क्या आप मेरी भाभी को चोद देंगे तो वो आप को २०००/- रुपये देगी। मैने झट से हां कर दी और उसके बताये हुए पते पर २ बजे दोपहर पहुंच गया। वो भी एक आलीशान कोठी थी मैने जैसे ही डोरबेल बजाई पहले रीना ने दरवाजा खोला और मुझे अंदर बुलाकर सोफ़े पर बिठाया और उसने उसकी भाभी को पानी के लिये आवाज़ लगायी। तो उसकी भाभी जैसे ही पानी लेके आयी मैं तो उसे देखते ही खड़ा हो गया। क्या मस्त जवान, गोरी, सुन्दर और बड़े बूब्स वाली औरत थी। फिर रीना ने कहा कि राजेश ये मेरी भाभी मोना है तो आप दोनो एन्जॉय करो मैं चलती हूं और रीना उठकर चली गयी फिर मोना मुझे अपने बेडरूम में ले गयी।
अंदर जाते ही वो मुझे से लिपट गयी और मुझे अपनी बाहों में लेकर मुझे चूमने लगी वो मेरे लिप्स को बड़ी जोर जोर से किस करने लगी तो मैने उसे कहा कि आराम से करो तो बहुत मज़ा आयेगा। मैने उसे पूछा कि आप का पति कहां है तो उसने कहा कि मेरी शादी दो साल पहले हुई थी। तब से लेकर आज तक मेरे पति ने कभी भी मुझे संतुष्ट किया नहीं। उसका लंड ३" का है और चूत में जाने से पहले ही झड़ जाता है। मेरी फ़ीगर ३८-२८-३६ होने के बावजूद उसका लंड खड़ा नहीं होता और कल जब मेरी ननद ने मुझे आप के बारे मे बताया तो मैने ही उसे कहा कि मुझे भी एक बार आप से मिलाये ताकि मैं आपसे चुदवा सकूँ। उसके बाद मैने धीरे धीरे उसकी सारी और पेटीकोट निकाल दिया अब वो सिर्फ़ ब्रा और पैंटी में थी। उसे देख कर मेरा लंड झट से टाइट हो गया और मैं गरम होने लगा। अब मैने उसे धीरे से उसके होंठ को किस करने लगा १० मिनट के बाद मैने उसकी ब्रा खोल दी और उसके बूब्स चूसने लगा और वो आह आह आह आअह आह आह करने लगी और उसकी सांसे तेज हो गयी।
फिर उसने मेरे सारे कपड़े उतार के मुझे नंगा कर दिया और वो मेरे लंड को चूसने लगी। १५ मिनट के बाद मैं उसकी चूत पर हाथ फेरने लगा और अपनी जीभ से चाटने लगा और वो एकदम मस्त होने लगी। फिर उसने कहा कि अब आप अपना लंड डाल दो तो मैने उसकी दोनो टांगे उठा के मेरा ७" का लंड उसकी चूत में डालने लगा लेकिन उसकी चूत टाइट होने के कारण ३" तक ही गया और वो चीखने लगी। फिर थोड़ी देर बाद मैने एक जोर का शोट मारा कि मेरा पूरा लंड चूत में चला गया। अब उसको भी बहुत मज़ा आने लगा और में जोर जोर से उसे चोदने लगा और वो मज़ा लेने लगी। करीब ३० मिनट चोदने के बाद में झड़ गया। इस बीच वो दो बार झड़ चुकी थी। और मैं झड़ने के बाद थोड़ी देर उसके ऊपर लेटा रहा बाद में फिर से मेरा लंड खड़ा हो गया और इस बार मैने उसे डौगी स्टाइल में चोदा। फिर मैं अपने कपड़े पहनकर तैयार हो गया। फिर उसने मुझे २०००/- रुपये दिये और मैं चला गय

ग्रुप सेक्स-२

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ग्रुप सेक्स

हाय दोस्तों ! मैं राज फ़िर कोलकाता से. मेरी पिछली दो कहानियाँ ' एक सच्ची कहानी' और 'पति के सामने बीवी की चुदाई ' आप लोंगों ने जरुर पढ़ी होगी. ये दोनों कहानियाँ मेरे सच्चे अनुभव पर आधारित थीं.
इन दोनों कहानियों को पढ़कर बहुत से लोगों ने मुझे मेल किया. उनमे से एक जिसका नाम मनु था उसने लिखा कि वो भी इस तरह का सेक्स करना चाहता है. उसकी उम्र ३२ वर्ष और उसकी बीवी नीतू की २८ वर्ष है. मनु ने मुझसे कहा कि नीतू एक समय में दो - तीन मर्दों के साथ सेक्स करना चाहती है. ये लोग भी कोलकाता के रहने वाले हैं. लेकिन मनु की इच्छा स्वैपिंग की थी. मनु ने मुझसे कहा कि पहले तुम और मैं मिलकर नीतू को चोदेंगे फ़िर बाद में पूजा(मेरी बीवी को). लेकिन पूजा तैयार नहीं थी. इसलिए मैंने उनका परिचय सन्नी और सीमा से करा दिया. जो लोग सन्नी और सीमा के बारे में नहीं जानते उन्हें थोड़ा परिचय करा दूँ.
सन्नी- उम्र - ३० , गोरा, लंबा
सीमा- उम्र - २७ , सुंदर, ३४-२५-३२
ये दोनों पति- पत्नी हैं कोलकाता से ही. ये लोग तो वैसे पार्टनर बदल कर सेक्स करने के एक्सपर्ट हैं. लेकिन मैंने और सन्नी ने मिलकर एक दिन सीमा को चोदा था. सीमा बहुत ही हॉट और सेक्सी है. इसके बाद दोनों ने बताया की उन्होंने पार्टनर बदलकर सेक्स किया और उन्हें खूब मजा आया.
मेरी मुलाक़ात अभी तक नीतू और मनु से नहीं हुई थी. फ़ोन पर सन्नी और मनु ने मुझे सब बताया अपनी चुदाई के बारे में.
ये सब सुनकर मेरी भी इच्छा हो रही थी लेकिन मैं मजबूर था. क्योंकि मेरी बीवी तैयार नहीं हो रही थी.
कुछ दिनों के बाद एक दिन सन्नी ने मुझे फ़ोन किया कि तुम एक दिन का समय सकते हो? मैंने पूछा कि क्यों ? तो सन्नी ने बताया कि सीमा और मैंने तुम्हारी चुदाई की तारीफ मनु और नीतू के सामने की है और मैं और मनु चाहते हैं की एक ग्रुप का प्रोग्राम बनाया जाए.
ये सुनकर मैंने कहा की ठीक है लेकिन मैं अकेले ही शामिल हो पाउंगा क्योंकि मेरी बीवी तैयार नहीं होगी. सन्नी ने कहा कि ठीक है हम प्रोग्राम बना रहे हैं. इसके कुछ दिन के बाद सन्नी का फ़ोन आया की शुक्रवार को चलना है. कोलकाता से करीब १०० किलोमीटर दूर एक रिसॉर्ट है वहीँ पर चलना है सुबह ७ बजे घर से निकलना है. मैंने कहा ठीक है. मैंने इसके लिए अपनी बीवी को एक दिन पहले ही मायके भेज दिया.
शुक्रवार को सन्नी ने सुबह ६ बजे फ़ोन किया और कहा कि तुम कहाँ पर रहोगे? मैंने एक जगह का नाम बताया. सन्नी के पास कार थी. ठीक जगह पर पहुँच मैं उन लोगों से मिला. मनु और नीतू से पहली बार मिला. सन्नी गाड़ी चला रहा था. बगल में मनु बैठा था. मैं पीछे नीतू और सीमा के साथ बैठ गया. फ़िर मैंने नीतू को ध्यान से देखा. क्या माल थी यार ? बूब्स- ३६'' , कमर - ३४'' और रंग गोरा, आँखें नशीली, देख कर जैसे चुदाई की भूख कभी शांत ही नहीं होती है.
फ़िर मैंने सीमा को देखा करीब ६ महीने के बाद. वो पहले से भी ज्यादा सेक्सी लगी. फ़िर सन्नी ने मनु और नीतू से मेरा परिचय कराया. सीमा कार में बांये यानि मनु के ठीक पीछे बैठी थी. नीतू बीच में और मैं दाहिनी तरफ़. मनु पहले सीमा को चोद चुका था इसलिए वो दोनों खुलकर बातें कर रहे थे. करीब दो घंटे के बाद हम रिसॉर्ट में पहुंचे. इस बीच रास्ते में अच्छी तरह से बाते हुई. नीतू मुझसे खुलकर बातें करने लगी. रिसॉर्ट के बगल में एक पर्यटन स्थल था इसलिए वहां कमरा मिलना मुश्किल था लेकिन सन्नी ने पहले से ही एक डीलक्स रूम, डबल बेड का बुक करा लिया था. हम रूम में पहुँच कर पहले बारी - बारी से फ्रेश हुए .फ़िर नाश्ते का आर्डर दिए.
नाश्ता करने के बाद हम सभी बेड पर बैठ कर बातें करने लगे. फ़िर मनु और सन्नी ने अपनी चुदाई की कहानी चालू की. कैसे मनु ने सीमा को चोदा और कैसे सन्नी ने नीतू को. इसे सुनकर हम सभी धीरे-धीरे उत्तेजित हो रहे थे. मनु ने कहा कि तुम और सन्नी मिलकर पहले नीतू को चोदों मैं और सीमा बैठकर देखेंगे. मेरी बहुत दिन से इच्छा है कि नीतू को दो लोग मिलकर मेरे सामने चोदे. नीतू ने उस समय साडी पहनी थी. मनु सीमा के साथ बेड से उठकर सोफे पर चले गए.
मैंने नीतू का हाथ पकड़ कर खड़ा किया और उसके पीछे जाकर लो कट ब्लोउज से निकली हुई नंगी पीठ को चूमने लगा. उसकी ऊंचाई मुझसे थोडी ही कम थी. उसके साथ उसकी दोनों चूचियों को भी हाथ से पकड़ कर दबाने लगा. क्या चूची थी ! एक दम कठोर. फ़िर सामने से सन्नी आकर उसके होठों को चूसने लगा. फ़िर मैंने नीतू का मुंह थोड़ा सा तिरछा कर उसके होठों को चूसने लगा सन्नी उस समय उसकी चूचियां दबा रहा था फ़िर मैंने एक हाथ नीचे ले जाकर उसके बड़ी गांड को ऊपर से सहलाने लगा.
इस बीच मनु उठकर आया और नीतू की साडी उतार दी और कहा कि जल्दी से चोदों इसको. फ़िर वो वापस चला गया सीमा के पास. सीमा के भी कुछ कपडे उतर गए थे. लेकिन हम लोगों के पास उधर देखने कि फुर्सत नहीं थी. फ़िर मैंने नीतू के ब्लोउज के हुक खोलकर उतार दिया. भीतर उसने काले रंग की ब्रा पहनी थी जिस्मी उसकी बड़ी-बड़ी चूचियां आधी बाहर निकली थी. सन्नी ने उसके पेटीकोट का नाडा धीरे से खोल दिया और पेटीकोट को उसकी बड़ी गांड से उतार दिया. भीतर उसने काली पैंटी पहनी थी. उसकी बुर के पास भीगा हुआ था जो की पैंटी के ऊपर से ही दिखाई दे रहा था.इसके बाद हमने पोजीशन बदल ली. मैं नीचे की ओर गया और पैंटी से झनकती हुई गांड पर जीभ फिराने लगा. सन्नी ने उसकी ब्रा भी उतार दी और उसके पूरी तरह तने हुए निप्पल को एक -एक कर चूसने लगा.
नीतू की आँखें उस समय बंद थी और वो पूरी तरह उत्तेजित हो गई थी. फ़िर मैंने उसके पेट, नाभि, जांघों को चूमते हुए उसकी पैंटी उतारनी शुरू की. क्या मस्त बुर थी उसकी! एक दम साफ़ जैसे चुदाई के लिए तैयार की गई हो! मैंने बुर के ऊपर जीभ फिराना चालू किया तो वो बेड पर बैठ गयी. मैंने जमीन पर बैठ कर ही उसके टांगो को चौडा किया और उसकी बुर को चूसना शुरू किया. वो अपनी बुर को जैसे मुझे पूरा खिला देगी वैसे कर रही थी.
ऊपर सन्नी बेड पर बैठ उसकी चूचियां, होंठ, निप्पल बारी-बारी से दबा/ चूस रहा था. नीतू उत्तेजना के मारे धीरे-धीरे बड़बड़ाने लगी .... या .....आ........ई ईई .........मजा................आ रहा है. वो पूरी तरह से उत्तेजित हो गयी थी. मैंने अपने पूरी जीभ उसकी बुर के भीतर तक घुसा दी थी. और एक अंगुली से उसकी क्लिट को रगड़ रहा था. वो बोलने लगी ................हाँ.....................ऐसे. ................ही..................... आई................आ................जीभ चोदते रहो............. सन्नी ................तुम....................मेरी चूचियों को और जोर से........................और जोर से...............दबाओ.....
मनु अब बर्दाश्त नहीं कर पा रहा था वो भी पूरी तरह से नंगा था.वो नीतू के पास आया और उसकी चूचियों को दबाने लगा. तब तक सन्नी ने अपने कपड़े उतार कर नीतू को अपना तना हुआ लंड पकड़ा दिया था. वो उसे जोर से सहला रही थी. मैंने भी अपने कपडे उतारे और अपने लिंग पर एक कंडोम चढाया. और नीतू को डौगी स्टाइल में बेड पर औंधे लिटा दिया. यानि कमर के ऊपर का हिस्सा बेड के ऊपर. मैंने उसके पीछे से आकर उसकी रिसती हुई बुर मे एक ही धक्का में अपना पूरा लंड घुसा दिया और जोर-जोर से चोदने लगा. बेड पर नीतू की मुंह की तरफ़ सन्नी बैठा था और उसका लंड नीतू मुंह में लेकर चूस रही थी. मैं जितना जोर से धक्का मारता वो उतना ही सन्नी का लंड अपने मुंह में भर लेती. मनु पास में ही बैठ कर हमें और जोर से चोदने के लिए उसका रहा था. सीमा भी पूरी तरह से नंगी होकर पास में ही बैठी थी मैं ने कुछ देर तक उसे चोदा और झड़ गया. फ़िर सन्नी ने उसे बेड पर लिटाकर नोर्मल स्टाइल में चोदा. झड़ने के बाद वो भी बगल में आकर लेट गया.
शेष कहानी यानि हम पाँचों की एक साथ चुदाई अगले भाग में.
ये कहानी आपको कैसी लगी जरुर बताना.

गीता की चुदाई

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गर्ल्स हॉस्टल में रैगिंग

मैं जब हॉस्टल में आई तो मैंने देखा वहां पर रूम बड़े अच्छे और सभी सामान के साथ थे. एम ए की पढाई करने वालों के लिए सिंगल रूम था. रूम देख कर मैं बहुत खुश थी. हॉस्टल में आते ही जो अनुभव मुझे हुआ वो मैं आपको बताती हूँ।
शाम को हॉस्टल में सभी नए और पुराने स्टुडेंट डिनर के लिए मेस में जा रहे थे. रूम के बाहर ही मुझे तीन सिनियर लड़कियां टकरा गयी. उन्होंने मुझे देखा. मैंने उन्हें गुड इवेनिंग कहा. वो आगे निकल गयी , उनमे से एक मुड़कर वापस आयी और कहा – “क्या नाम है ......”
"कामिनी सक्सेना ..”
"डिनर के बाद १० बजे रूम नम्बर २० में मिलो ..."
"कोई काम है दीदी .."
"नई आयी हो. ... सभी को तुम्हारा स्वागत करना है .."
"जी ......अच्छा ....."
वो मेस में चली गयी. मुझे पसीना छूटने लग गया. मैं समझ गयी थी की अब मेरी रागिंग होगी .
मेस में मुझसे खाना भी ठीक से खाया नही गया .जैसे तैसे मैंने खाना पूरा किया और अपने रूम में आ गयी. घबराहट में मुझे कुछ सूझ नही रहा था कि मैं क्या करूं। समय देखा तो रात के १० बजने वाले थे. मन मजबूत करके १० बजे में उठी और रूम नम्बर २० के आगे जाकर खड़ी हो गयी. मैं दरवाजा खटखटाने ही वाली थी की वो सीनियर लड़की मेस से आती हुयी दिखायी दी. आते ही बोली - "आ गई ... कामिनी ..."
"जी हाँ ..." मैंने सर झुकाए कहा .
"मेरा नाम मंजू है ...पर तुम मुझे दीदी कहोगी "उसने दरवाजा खोलते हुए कहा -"आ जाओ अन्दर .."
मैं उसके कमरे में आ गयी. उसने मुझे बैठने को कहा .
"पहली बात सुनो ...जब कोई सीनियर तुम्हे नज़र आए तो तुम उसे विश करोगी ...."वो मुझे नियम समझती रही. फिर बोली - "अच्छा अब तुम स्वागत के लिए तैयार हो .."
मैं चुप ही रही ...पर पसीना आने लग गया था ..
"घबराओ मत ..... सिर्फ़ स्वागत ही है ..."
"....जी. .."
"खड़े हो जाओ. .....और अपना सीना आगे को उभारो "
मैंने अपना हाथ पीछे करके अपना सीना आगे उभार दिया ..
"शाबाश ...... अच्छे है .... अब अपना टॉप उतार दो .."
"नही दीदी ......शर्म आती है ......"
"वोही तो दूर करना है "
"कोई देख लेगा ....दीदी .... और सीनियर भी तो आने वाली है ...."
"अब उतारती हो या मैं उतारूं "
मैंने अपना टॉप उतार दिया. उसने ब्रा भी उतारने को कहा. थोड़ा झिझकते हुए मैंने ब्रा भी उतार दी .
"यहाँ पास आओ "
मैं दीदी के पास गयी. मंजू ने खड़े हो कर पहले मुझे पास से देखा. फिर मेरे स्तनों पर हाथ लगाते हुए कहा -"सुंदर है ....." फिर मेरी छातियों को सहलाना शुरू कर दिया. मुझे सिरहन होने लगी. उसने मेरी चुन्चियों को हौले से दबा कर घुमाया .. मेरी सिसकारी निकल गयी. वो जो कुछ कर रही थी ...मुझे डर तो लग रहा था ... पर उसकी हरकतों से मजा भी आ रहा था. फिर वो पीछे गयी और मेरे चूतड़ों को निहारा. अपने हाथों से उसे सहलाने लगी और दबा दिया.
"किस करना आता है ..."
मैंने कहा - "जी हां ..आता है "
"मेरे होंट पर किस करो .."
मैंने धीरे से किस कर दिया. वो बोली – “किस ऐसे नही करते हैं ”. उसने मेरे नरम होंट अपने होंट से भींच कर चूसना चालू कर दिया .बोली - "ऐसे समझी ..... अब अपनी स्लैक्स उतारो "
" दीदी ऐसे तो मैं नंगी हो जाऊंगी ..."
"वो तो स्वागत में सबको नंगी होना पड़ता है .."
मैंने अपनी स्लेक्स उतार दी और सीधी खड़ी हो गयी .."
मंजू ने पास आकर मेरा बदन सहलाया ..और मेरी चूत पर हाथ फेरना चालू कर दिया. बीच बीच में वो मेरे चुतड़ भी सहलाती और दबाती जा रही थी ....
"दीदी अब कपड़े पहन लूँ ....दूसरे सीनियर्स आ जायेंगे .."
"वो देर से आयेंगे .... अब तुम मेरे कपड़े उतारो " मंजू थोड़ा मुस्कराते हुए बोली .
मैंने उसका कुरता उतार दिया. उसने ब्रा नही पहनी थी. उसके बूब्स उछल कर बाहर आ गए .
"...हाँ अब मेरा पजामा भी उतार दो ...और मुझे अपने जैसी नंगी कर दो ."
मैंने मंजू को पूरी नंगी कर दिया .
"अब तो खुश हो न .... अब तुम्हे शर्म तो नही आ रही है ..."
मैंने सर झुका कर मुस्करा कर कहा - "नही दीदी .... अब तो आप भी .."
" अच्छा अब बताओ ......इसे क्या कहते हैं ....."
"स्तन या बोबे .."
"देसी भाषा में बताओ .."
"जी ...चूचियां ...."
"गुड ....अब बताओ नीचे इसे क्या कहते हैं ...."
"जी ...चूत ..." मैं शरमा कर बोली .
"वाह तुम तो सब जानती हो ...आओ गले लग जाओ .."
मंजू ने मुझे गले लगा लिया .... उसका हाथ मेरी चूतडों पर चला गया ....और उन्हें मसलने लगा. अब मुझे लग रहा था कि रैगिंग तो बहाना था ...वो मेरे साथ सेक्स करना चाहती थी. मंजू गरम होने लगी थी. उसने कहा -
"कामिनी ....तुम भी ऐसे ही कुछ करो ..."
मैंने उसके बूब्स सहलाने चालू कर दिए. उसके मुंह से सिस्कारियां निकलने लगी ..
"हां जोर से मसलो .... चुचियों को खेंचो ..."
मैं उसकी चुन्चियों को खीचने मसलने लगी. अचानक मैंने महसूस किया कि उसने एक उंगली मेरी चूत में घुसा दी है. मैं चिहुक उठी.
"हाय ...दीदी .... मैं मर गयी ....."
"अच्छा लग रहा है ना ..."
"हाँ दीदी ..."
मैं भी उसकी चूत में अपनी उंगली और अन्दर घुमाने लगी ......
"अब ...बस ...." कह कर मंजू दूर हट गयी ."कपड़े पहन लो .."
हम दोनों ने कपड़े पहन लिए ..... वो अलमारी में से मिठाई निकाल कर लाई .... और मेरे मुंह में एक टुकडा डालते हुए कहा -"मुंह मीठा करो ...तुम्हारा स्वागत पूरा हो गया ..... स्वागत से डर नही लगा ना ..."
"नहीं दीदी ...मुझे बहुत मजा आया ..."
"धन्यवाद कामिनी ....... मजा मुझे भी आया ."
मैं अचानक मंजू से लिपट गयी ..- "दीदी आज रात में तुम्हारे साथ रह जाऊं "
दीदी ने प्यार से मेरी पीठ पर हाथ फेरते हुए कहा - "क्यों ..... क्या इरादा है ....."
" दीदी अब मैं रात भर सो नहीं सकती ...... मुझे शांत कर दो. .."
"तुम्हे जाने कौन देगा ........ मुझे भी तो पानी निकलना है ..."
हम दोनों फिर से कपड़े उतार कर अब बिस्तर पर आ गये .
लेटे लेटे मैंने मंजू से पूछा –“वो और सीनियर लड़कियां अभी आएँगी तो …….”
“कोई नहीं आयेगा …”
“पर आप तो कह रही थी ….कि सभी आएँगी ”
उसने मेरे मुंह पर उंगली रख दी.
“मैंने तुम्हे देखा था तो मुझे लगा था कि तुम्हें पटाया जा सकता है ….इसलिए मैं वापिस आयी और तुम्हें बुलाया ….उन लड़कियों को नहीं मालूम है .”
कहते हुए उसने अपनी नंगी जांघ मेरी कमर में डाल दी. और अपने होंट मेरे होटों पर रख दिए. धीरे से उसने मेरा एक बूब सहलाना चालू कर दिया . मैंने भी उत्तर में उसे अपने ऊपर खींच लिया. मेरी उत्तेजना बढ रही थी. उसके होंट मैंने अपने होटों में दबा लिए. वो मेरे ऊपर चढ़ कर मुझसे जोर से लिपट गयी. और मेरे होटों को चूसने लगी. मैं उसके स्तनों को दबाने, मसलने लगी. उसके मुंह से सिसकारी निकल पड़ी. हम दोनों मस्ती में डूब गए थे. उसने अब अपनी चूत मेरे चूत से मिला दी और लड़कों की तरह मेरी चूत पर अपनी चूत पटकने लगी .
“ हाय रे ….कितना मज़ा आ रहा है ..” मंजू सिसक के बोली .
“ हाँ दीदी बहुत मज़ा आ रहा है ….मेरी चूत तो गीली हो गयी है ..” मैंने कहा
“मेरे चुतड पकड़ के दबा दे …हाय ..” अपनी चूत घिसती हुयी बोली. मैं उसकी गोलाईयां दोनों हाथो से दबाने लगी ….. उसका एक हाथ मेरी चूत पर पहुँच गया और मंजू ने दो उंगलियाँ मेरी चूत में घुसा दी. मैं सिस्कारियां भरने लगी …
“दीदी और जोर से उंगली घुमाओ … ”हाय …मजा आ रहा है … दीदी लंड होता तो कितना मज़ा आता …”
“ हाँ …. लंड तो लंड होता है …… सुन मेरे पास है …तुझे उस से चोदुं ..”
मैं उस से लिपट गयी … “हाँ …हाँ मंजू जल्दी से लाओ ..
मंजू ने तकिये के नीचे से चुपचाप लंड निकाल लिया. मुझे पता ही नहीं चलने दिया कि उसके हाथ में लंड है ..
बोली – “अपनी टाँगे ऊपर कर लो… ”
“पहले लंड लाओ तो सही …”
“नहीं पहले टाँगे ऊपर उठा लो …मुझे तुम्हारी चूत देखनी है …”
मैंने अपनी दोनों टाँगे ऊपर कर ली. दीदी ने प्यार से चूत सहलाई और लंड को चूत पर रख दिया और धीरे से अन्दर घुसा दिया .
“हाय दीदी ….ये क्या …….लंड अन्दर कर दिया ..” मुझे मोटा लंड , अपनी चूत में घुसता महसूस हुआ. “दीदी अब देर नहीं करो …. हाथ चलाओ …….. चोद दो दीदी ..”
मंजू धीरे धीरे लंड को अन्दर बाहर करने लगी ….
“हाय रे दीदी ….मज़ा आ गया ….. लगा ..और लगा ..”
वो अपना हाथ तेजी से चलाने लगी. मैं भी आनंद के मारे इधर उधर लोटने लगी …. करवटें बदलने लगी. पर मंजू भी मेरी करवटों के साथ साथ कस कस के अन्दर बाहर लंड को चलने लगी. उसने चोदना चालू रखा. मैं जोश के मारे करवटें बदल कर उलटी हो गयी . पर मंजू ने लंड नहीं निकलने दिया और अपने दूसरे हाथ का सहारा लेकर लंड को अन्दर बाहर करती रही. मैं आनंद के मारे घोडी बन गयी. अपने चूतडों को दीदी के सामने कर दिया. पर उसने लंड नहीं छोड़ा और हाथ चलता ही गया.
“हाय दीदी … मेरा निकाल जाएगा …अब लंड निकाल दो ..”
“झड़ने वाली है तो झड़ जा …अब निकल जाने दे ….छोड़ दे अपना पानी …चल निकाल दे ….”
“दीदी अभी तो इस से मुझे गांड भी चुदवानी है ना ….फिर मज़ा नहीं आयेगा ….”
“अच्छा तो ये ले ……” उसने मेरी चूत से लंड निकाल दिया. और अब मेरी चूतडों की दोनों फाकें सहलाने लगी और उसे खींच कर फैला दी. मेरा गांड का छेद खुल गया. मेरी गांड के छेद में उसने थूक लगाया और फिर उस पर लंड रख दिया. मंजू बोली – “अब चालू करें ….”
“ हाँ दीदी … घुसा दो ..”
दीदी ने लंड को अन्दर ठेल दिया. फिर और अन्दर घुसाया. फिर हलके से बाहर निकाल कर अन्दर डाल दिया. मुझे मीठा मीठा सा मज़ा आने लगा . मंजू की स्पीड बढती गयी. मुझे मज़ा आने लगा …… उसी समय दीदी ने अपनी उंगली मेरी चूत में डाल दी और अन्दर घुमाने लगी. चूत से पानी तो पहले ही निकल रहा था. अब दोनों तरफ़ से डबल मज़ा आने लगा. अब मेरे से सहन नहीं हो रहा था ……..
“दीदी क्या कर रही ….आह्ह ह्ह्ह ….मज़ा आ रहा आया है ….. दीदी … हाय रे ….. मुझे ये क्या हो रहा है …….दीदी …मैं मर जाऊंगी …….ऊओई एई …सी ….सी ……. अरे ….अरे ….मैं गयी …. निकला …. निकला … दीदी ……गयी मैं तो दीदी …… हाय …..हाय ….. ऊऊह ह्ह्छ …अआया आई ईईई .”
कहते हुए मैं बिस्तर पर घोडी बनी हुयी एक तरफ़ लुढ़क गई. मैं हांफ रही थी .
मंजू कह रही थी – “कैसा लगा ….. मज़ा आया ना …”मैंने आँख बंद किए ही सर हाँ में हिलाया. फिर मैं उठी .
मंजू ने कहा – “अब मेरी बारी है ….हाथ चलते ही रहना मैं चाहे कितना ही करवटें बदलूं या उछल कूद मचाऊं. लंड बाहर नहीं निकलना चाहिए …जैसे कि मैंने नहीं निकलने दिया था …ऐसे में पूरा मजा आता है .”
“दीदी तुम्हें तो बहुत अच्छा अनुभव हो गया है …इस लंड से चोदने का ..”
“अच्छा तो चालू हो जाओ …”
मैंने भी उसकी लंड से चुदाई चालू कर दी ……… वो भी तरह तरह से चुदवाती रही …फिर उसका भी पानी निकाल दिया. हम दोनों फिर दूर हो गयी और टांगे फैला कर नंगी ही लेट गयी. जाने कब धीरे से नींद ने आ घेरा और मैं गहरी नींद में सो गयी. सवेरे उठी तो देखा दीदी ने मुझे एक चादर ओढा दी थी. उसने मुझे मुस्करा कर देखा और झुक कर किस किया. और कहा – “कामिनी ….थंक यू ..”
ये मेरा हॉस्टल का अनुभव है जो मैं आप तक पहुँचा रही हूँ. अपने कमेन्ट जरूर भेजे.

गर्ल फ्रेंड की माँ को चोदा

मैं पंजाब से सन्नी आज मैं आपको एक ऐसी बात बताने जा रहा हूँ जो मेरे साथ हुआ था।
पहले मैं आपको अपने बारे में बता दूं ! मैं २४ साल का हूँ। मेरा कद ६" फीट है। दिखने में ठीक ठाक हूँ। मेरी एक गर्ल-फ्रेंड हुआ करती थी उसका नाम माया था। वो बहुत खूबसूरत थी।
अब असली बात पर आता हूँ। जहा हमलोग रहते थे वहां से थोड़ी ही दूरी पर मेरी गर्ल-फ्रेंड माया का घर था, उसके मम्मी को मैं आंटी कहा कर बुलाता था, असल में वो लोग पंजाबी है और आप लोग तो जानते ही हैं कि पंजाबी महिलाएँ कितनी गर्म और सेक्सी लगती हैं, माया से ज्यादा अच्छी उसके मम्मी लगती थी, उनका नाम उषा था, आंटी की उम्र ३५ के आस पास थी। लेकिन देखने में बिल्कुल भी इतनी उम्र की नहीं लगती थी, गोरी लम्बी और बहुत खूबसूरत थी, हम लोगों को यह पता था कि उनके पति उन्हें संतुष्ट नहीं कर पाते हैं।
आज से ६ साल पहले की बात है, नवम्बर का महीना था, मैं आपने घर पर अकेला ही था। मैं जब भी नहाता हूँ तो काफी समय लगाता हूँ। मुझे नहीं मालूम था की आंटी कब मेरे घर में आ गई। मैं अपनी ही धुन में गाना गाते हुए बाथरूम से बाहर निकला। मैं बिल्कुल नग्न था और मेरा लण्ड खड़ा था।
आंटी को मालूम था कि मेरे घर पर कोई नहीं है। बाहर आते ही सबे पहले मैंने अपने लण्ड पर तेल लगाना शुरू कर दिया। मुझे नहीं पता था कि आंटी मुझे दरवाजे से देख रही हैं। मैं तेल लगाने के बाद बेड पर लेट गया बिल्कुल नंगा ही। आंटी ने जब मेरा पूरा खड़ा हुआ लण्ड देखा तो उन्होंने अपनी सलवार में हाथ डाल कर अपनी चूत में ऊँगली करनी चालू कर दी और आंटी के मुँह से आ आअ आआआ आअ ...........। येस येस येस येस येस येस की आवाजे आ रही थी।
मैं डर गया कि कोई आ गया है। मैंने जल्दी जल्दी अपने कपड़े पहन लिए और दरवाजे पर देखने के लिए चला तो देखा कि आंटी जा रही हैं।
दोस्तों ! आप तो समझ ही गए होंगे कि जब कोई आपसे बड़ा आपको ऐसी हालत में देख ले तो क्या होगा। मैं बिल्कुल ही डर गया था कि आंटी मेरी मम्मी को बता ना दें।
मैं डर के मारे अपनी गर्ल-फ्रेंड को मिलने भी नहीं गया और ना ही उससे बात की। आंटी को पता था कि मैं उनकी बेटी से प्यार करता हूँ। ३-४ दिन निकल गए। माया रोती हुई मेरे पास आई और कहने लगी कि तुम आजकल मु्झसे बात क्यों नहीं करते हो?
मैं कुछ नहीं बोला और वहां से चला गया। माया ने अपनी मम्मी से बात की और उनको बताया कि सन्नी मुझसे बात नहीं कर रहा और रोती हुई अपने कमरे में चली गई। आंटी ने कहा- मैं सन्नी से बात करती हूँ !
मेरी मोम घर पर थी तो इसी वजह से ठीक तरह से बात नहीं हुई ! तो आंटी ने कहा कि मैंने तुमसे माया के बारे में करनी है।
मैंने कहा मैंने भी आपसे बात करनी है।
तो वो मेरा मोबाईल नम्बर ले कर चली गई और जाते जाते कह गई कि मैं रात को कॉल करूंगी ११बजे।
मैंने कह दिया- ओके !
मैं डरा हुआ था कि कहीं उन्होंने मेरी बात मोम से तो नहीं कर दी ! मैं रात की इन्तज़ार करने लगा ! आंटी का कॉल आई ! मैंने डरते डरते फ़ोन उठाया और बात करनी शुरू कर दी। उनसे पहले मैंने कहा- आपसे मैं एक बात पूछ सकता हूँ कि उस दिन जब आपने मुझे नंगा देखा था तो आपने मेरी मोम से कोई बात तो नहीं की?
इस बात पर आंटी हँस पड़ी और कहने लगी कि ये बातें भी कोई किसी से बताता है लल्लू !
आंटी की बात सुन कर मेरी जान में जान आई !
फ़िर मैंने कहा कि किसी को नंगा देखना भी गलत बात है।
वो फ़िर से हँसी !
मैंने कहा- मैंने कोई मज़ाक नहीं किया है !
वो कहने लगी- जब एक अच्छा लण्ड मुझे देखने को मिल रहा है तो मैं क्यों ना देखूँ !
मैं एकदम अचम्भे में आ गया कि आंटी कैसी बातें कर रही हैं।
आंटी ने कहा- अपनी बातें हम दोनों बैठ कर करेंगे ! तुम माया से कोई भी बात ना करना हम दोनों की !
मैंने कहा- ठीक है और आप भी किसी से मत करना !
ओके ! यार तुम प्लीज़, माया से बात करना चालू रखो !
मैंने कहा- ठीक है !
आंटी ने पूछा- तुम शनिवार को क्या कर रहे हो?
मैंने कहा- मैं बिल्कुल फ्री हूँ ! आपको कोई काम है तो मुझे बता दो, मैं कर दूंगा !
आंटी ने कहा- तुम ही कर सकते हो !
मैंने अंदाजा लगाया कि आंटी ने मेरे से घर का कुछ काम करवाना होगा इसी वजह से आंटी ने मुझे बुलाया है !
मैंने कहा- घर का काम ही करना है कर दूंगा !
मैं माया से मिलने लगा, माया बहुत खुश थी ! मुझे माया ने शुक्रवार को ही बताया कि शनिवार को माया ने आपने मामा के यहाँ जाना है !
मैंने कहा- ठीक है तुम हो आओ पर मुझसे मोबाईल पर बात जरूर करना। और वो चली गई !
शनिवार को माया का फ़ोन आया कि मैं जा रही हूँ !
मैं उसे सी ओफ़ के लिए माया के घर पर गया, एक स्मूच किया और उसे जाने दिया !
आंटी ने कहा- कब आओगे तुम !
मैंने कहा- मैं बीस मिनट के बाद आता हूँ !
मैं बीस मिनट के बाद गया तो आंटी ने एक गाउन पहना हुआ था ! मैंने पूछा तो कहने लगी- मैं घर पर यही पहनती हूँ !
मैंने पूछा- बताओ आंटी ! मैं क्या करूं आपके लिए?
तुमको मुझे कुछ करना होगा !
मैंने पूछा- आपको हँसाना है? ये भी कोई बड़ी बात है आंटी ! ये तो अभी लो !
आंटी को गु्स्सा आ गया और कहने लगी- ८" का लण्ड है और २.५" मोटा है और कहता है कि मैं आपको अभी हँसा देता हूँ और गालियाँ देने लगी ! मैं डर गया और चुपचाप सब कुछ सुनता रहा !
आंटी को लगा कि उन्होंने मुझे काफी डरा दिया है ! फ़िर उसने कुछ नहीं देखा और सीधे मेरा हाथ पकड़ कर अपनी चूत पर रख दिया ! मैं तो बिल्कुल हक्का बक्का रह गया ! और अपना हाथ मेरे लण्ड पर रख दिया और कहने लगी- सन्नी ! मैंने जब से तुम्हारा लण्ड देखा है मैं तुमसे चुदवाने के लिए तड़प रही थी। कितने दिनों के बाद आज मौका मिला है। सन्नी मुझे प्यार करो और मुझे तृप्त कर दो !
मैंने कहा- आप मेरी गर्ल-फ्रेंड की मोम हो !
कहने लगी- अगर तूने मुझसे प्यार नहीं किया तो मैं तुझे बदनाम कर दूंगी !
मैंने कहा- आप जो कहोगी मैं करूंगा ! पर आप मुझसे एक वादा कीजिए कि आप माया को कुछ नहीं बताएंगी !
आंटी ने कहा- मैं वादा करती हूँ !
आंटी ने मेरी पैंट उतार दी और मेरे लण्ड को अपने मुँह में ले लिया और पूरा लण्ड उनके मुँह में नहीं जा रहा था।
मैंने कहा- आंटी ! आराम से चूसो !
तो कहने लगी- बड़ी मुद्दतों के बाद ऐसा लण्ड मिला है, आज तो इसे नहीं छोड़ूंगी !
आंटी ने सारा ही लण्ड अपने मुँह में ले लिया उनकी आंखें बाहर आ रही थी पर फ़िर भी वो लण्ड को मुँह से बाहर नहीं निकाल रही थी ! अब मुझे मजा आने लगा था ! मैंने आंटी का मुँह पकड़ा और अंदर बाहर करने लगा ! मैं अब झड़ने वाला था।
मैंने कहा- आंटी ! मैं झड़ने वाला हूँ तो आंटी ने कहा कि मेरे मुँह में ही झड़ना !
मैंने एक जोर का धक्का लगाया और उनके मुँह में ही सारा झड़ गया !
आंटी ने कहा- अब तुम्हारी बारी है !
मैंने आंटी की चूत में मुँह दे दिया ! आंटी की चूत में मैं इतना मग्न हो गया कि आंटी कह रही थी मुझे- साले बस कर आ आआआ आआ आआ आ आ बस कर चूत को खा जाएगा क्या ?आंटी झड़ने वाली थी, उन्होंने मेरा मुँह पकड़ लिया और पानी छोड़ दिया !
हम दोनों ऐसे ही घर में घूमते रहे ! आंटी ने मुझे पानी पिलाया और खुद भी पानी पीया ! आंटी रसोई में गई तो मैं भी उनके पीछे पीछे चला गया ! आंटी कहने लगी- पहले तो आता नहीं था, अब मेरे पीछे ही हो अपना लण्ड हाथ में लिए !
मैंने आंटी को झुकाया और कहा कि मैं आपकी पीछे से चूत मारना चाहता हूँ !
आंटी ने कहा- यह भी कोई पूछने की बात है ! मेरे राजा ये सारा जिस्म ही तुम्हारा है !
मैंने आंटी को झुकाया और अपना लण्ड अंदर डालने लगा तो आंटी कहने लगी कि यह तो बहुत बड़ा है, मैं मर जाऊंगी !
मैंने कुछ नहीं सुना और लण्ड अंदर डालने लगा ! आंटी की चूत का साइज़ काफी छोटा था या फ़िर कहो कि अंकल के लण्ड का साइज़ छोटा था ! आंटी ने चिल्लाना शुरू कर दिया !
मुझे तो एसा लगा कि मैं किसी कुँवारी की चूत में अपना लण्ड डाल रहा हूँ ! ३" ही अंदर गया था और आंटी चिल्ला रही थी-आ आ आआ आ आअ................आ आआ आ.................आआआ धीरे धीरे !
अभी आधा ही अंदर गया था कि आंटी ने रुकने को कहा और कहने लगी- मार दिया जालिम तूने आज ! पर मुझे पता है कि बाद में म़जा भी आएगा ! आंटी ने थोड़ी देर बाद कहा- देख ! अब रुकना नहीं जितना चाहे मैं कहूं रुकने को !
मैंने कहा- ठीक है ! मैंने लौड़े को अंदर करना शुरू कर दिया ! आंटी की आँखों से आंसू आ रहे थे पर फ़िर भी आंटी मुझे रोक नहीं रही थी ! जब पूरा लण्ड आंटी की फ़ुद्दी में चला गया तो आंटी ने कहा- बस रुको और मैं रुक गया !
५-७ मिनट के बाद आंटी हिलना शुरु हो गई !
मैंने कहा- आंटी ! बड़े मजे कर रही हो मेरे लण्ड से !
बाते ना करो ! बस अब चोदो ! आ आआ आआआ .............आआआआअ...............चोदो ....चोदो ..........फार डाल आज इस चूत को छोड़ना मत !
आआआआआआआ.............................आआआआआअ..................चोदो ....चोदो ..........फाड़ डाल आज ! इस चूत को छोड़ना मत ! जियो मेरे राजा ! मैं बारे मजे से लण्ड चूत में अंदर बाहर कर रहा था ! अब मैंने उसकी एक लात को हाथ में पकड़ लिया ! अब पूरा लण्ड उसकी चूत में जा रहा था और उसके मूमे भी जोर जोर से दबा रहा था !
आंटी अब एक ही बात कह रही थी ........चोदो ....चोदो ..........फाड़ डाल आज इस चूत को छोड़ना मत जियो मेरे राजा !
मै बोला- इतनी चिकनी फ़ुद्दी देख कर मेरा लण्ड पागल हो गया है। इसे धीरे का मतलब नहीं मालूम। और मै उसके चूत में फचा-फच करके अपना लण्ड तेजी से अन्दर-बाहर करने लगा। वो भी अपनी गांड पीछे करके धक्को में साथ देने लगी और साथ-साथ बोले जा रही थी। आआआआ ... चोदो ओ ओ...। सन्नी. ओ. अपनाए लण्ड से .. फाड़ डालो ओ.. आअज मेरी चो .. चूत को ओ.. बहुत मज़ा आ रहा है...आआआह्ह्ह्ह्ह ऐसे ही ...
इधर मै भी पूरे जोश में उसकी चूत में अपना लण्ड ठोक रहा था। और फ़िर अपने हाथ को आगे ले जाकर उसके झूलते मुम्मो को थाम के तेज़ी से चोद रहा था..। आ अ अह ह ह !
इस बीच वो एक बार झड़ चुकी थी..। फ़िर जब मै झड़ने के करीब आया तो उसकी कमर को पकड़ के ताबड़तोड़ झटके मारने लगा और २०-२५ धक्को के बाद हम दोनों साथ-साथ झड़ गए। उनकी चूत दोनों के रस से भर गई और उसके जांघो पे नीचे बहने लगा। ५ मिनट बाद हम अलग हुए और अपने कपड़े ठीक करने लगे। फ़िर उसने मुझे गले लगाकर एक लंबा चुम्मा किया। फ़िर उसने कहा- डार्लिन्ग ! आज सच में चुदाई का सही मज़ा आया...।
फ़िर हमारे बीच ये चुदाई का खेल चलता रहा। उसने मुझे २ और चूत दिलाई। एक तो सील थी। फ़िर जैसे मेरे लिए तो जन्नत के दरवाजे ही खुल गए।

गर्लफ्रेंड की चचेरी बहन और उसकी सहेली

यह मेरी सच्ची कहानी है। मेरी एक गर्लफ्रेंड हुआ करती थी पायल ! करीब छः साल पहले हम दोनों एक दूसरे के बहुत के करीब थे और शादी करना चाहते थे। हम रोज़ मिलने की कोशिश करते थे और सेक्स भी करीब रोज़ ही करते थे। हमने घर, गाड़ी, शॉपिंग-सेंटर, जंगल जैसी जगहों पर बहुत बार सेक्स किया हुआ है।
यह उस दिन की बात है जब पायल की एक चचेरी बहन और उसकी सहेली उसके घर रहने आई हुई थी। तीनों एक से एक सुन्दर थी।
पायल ने मुझे रात को करीब डेढ़ बजे फ़ोन किया, बोली- मिलने का मन कर रहा है !
मैंने फटाफट अपनी गाड़ी निकली और उससे मिलने पहुँच गया। किसी तरह मैं उनके मोहल्ले वालों की नजरों से बच कर उसके घर पहुँचा। वहाँ मैं उसकी चचेरी बहन मोनिका से मिला जो मेरी काफी अच्छी दोस्त बन चुकी थी लेकिन उसकी सहेली गीता से पहली बार मिला। हमने फ़ोन पर तो कई बार बात की थी पर मिले हम पहली बार थे। उसके मोम्मे उम्र के हिसाब से बहुत बड़े थे।
तीनों ने निक्कर और टी-शर्ट पहनी थी और उन्हें देखते ही मुझे ठरक चढ़ गई। पर मैंने सोचा कि मैं तो पायल के साथ गम्भीर हूँ, अगर हमारे सम्बन्ध गम्भीर ना होते तो मैं आज इन तीनों को चोद देता।
हम लोगों ने थोड़ी देर बातें की और फिर मोनिका और गीता के बॉयफ़्रेन्ड का फ़ोन आ गया। क्योंकि हमारे पास एक ही कमरा था तो हम सब बिस्तर पर बैठे हुए थे। हमने लाइट बंद की और मैं और पायल लेट कर बातें करने लगे।
थोड़ी देर में हमारी एक तरफ मोनिका और दूसरी तरफ गीता आकर लेट गई। अभी भी दोनों फ़ोन पर ही थी।
मैं और पायल काफ़ी पास लेटे हुए धीरे-2 बातें कर रहे थे।
करीब तीन बजे मुझे लगा कि गीता और मोनिका सो गई हैं तो मैंने मन में सोचा कि थोड़े मजे लिए जाये और लेटे-लेटे बिना पायल को पता लगते हुए मैंने गीता की गाण्ड पर हाथ रख दिया। 5-10 सेकंड निकल गए और गीता हिली तक नहीं। मैं इसे इशारा समझ कर उसकी निक्कर के ऊपर से हाथ फेरने लगा और उसकी चिकनी टांगों तक चला गया। तब भी गीता कुछ नहीं बोली।
फिर मैंने सोचा कि क्यों न अपनी असली साली मोनिका पर भी हाथ फेरा जाये।
किसी तरह मैंने पायल से बचते बचाते हुए उसकी दूसरी तरफ आ गया और मोनिका की तरफ बिस्तर पर लेट गया। अँधेरे मैं कुछ दिख तो नहीं रहा था और मैंने धीरे-2 हाथ मोनिका की तरफ बढ़ाना शुरू किया और बिल्कुल पहले की तरह नींद की एक्टिंग करते हुए मैंने अपना हाथ मोनिका के मोम्मे से थोड़ा नीचे रख लिया। मेरा हाथ उसकी सांस के साथ ऊपर-नीचे हो रहा था। मैंने एक झटके में हाथ हटाने के चक्कर में उसके मोम्मे से टकराता हुआ हाथ वापिस अपने पास रख लिया।
उसने भी कोई हरकत नहीं की। मैं समझ गया कि या तो दोनों मजे देने के चक्कर में हैं या फिर दोनों गहरी नींद में सो चुकी है क्योंकि उन तीनों ने रात की पार्टी में थोड़ी व्हिस्की पी हुई थी। मैंने उस समय ठान लिया कि आज तो दोनों से पूरे मजे लेने है वरना यह मौका पता नहीं दोबारा मिले न मिले !
तो मैंने फिर अच्छी तरह कभी मोनिका तो कभी गीता पर हाथ फेरना शुरू कर दिया। करीब दस मिनट के बाद गीता मेरी तरफ मुड़ी और मैं जैसे ही हाथ हटाने लगा, उसने मेरा हाथ पकड़ा और अपनी निक्कर के अन्दर अपनी कच्छी में डाल दिया। मैं पागल हो गया, मैंने पायल की तरफ देखा तो वो मुझे देख कर मुस्कुराई। वो थोड़ी सी नशे में थी।
मैंने सोचा कि अब होने दो जो होता है ! देख लेंगे !
मैं उठा और मैंने गीता और पायल को जोर से चूमना शुरू कर दिया। दोनों ही एकदम मस्त हो रही थी कि इतने में मेरे पीछे से मेरे ऊपर मोनिका आकर लेट गई और बोली- मेरे पास पहले क्यों नहीं आया तू सागर ?
उसका इतना ही बोलना था कि मैं पीछे की ओर पलटा और मैंने मोनिका के मम्मे दबाने शुरू कर दिए। उस दिन उन तीनो में से किसी ने ब्रा नहीं पहनी थी। मैं तीनों के मोम्मे दबाने और चूसने लगा और वो तीनो मुझे पूरे शरीर पर चूमने लगी। मेरा लण्ड जो बहुत देर से खड़ा था, गीता के हाथ में आ गया।
मैंने तीनों को बोला- अगर लण्ड देखना है तो तीनों अपने कपड़े उतारने दो मुझे !
तो वो तीनों मान गई।
मैंने एक-एक करके तीनों को चूमते-2 उनके कपड़े उतार दिए। अब तीनों मेरे सामने बिस्तर पर नंगी लेटी हुई थी। मैंने बारी बारी तीनों की योनि चाटी और उन तीनों के पूरे शरीर पर हाथ फेरा। अब तीनो बुरी तरह गरम हो चुकी थी।
मैंने उनसे पूछा- लण्ड देखना है?
तो तीनों उठ खड़ी हुई।
मैं बिस्तर पर बैठ गया और उनसे बोला- मेरी निक्कर को बिना हाथ लगाये उतारो और देख लो मेरा लण्ड !
तीनों तुरंत उठी और मेरी निक्कर अपने दांतों से खींचने लगी। मैं उन तीनों को देख कर और पागल हो रहा था, साथ ही तीनों कि मम्मे, चूत और गांड पर हाथ फेर रहा था। इतने में मेरी निक्कर नीचे खींच ली उन्होंने।
बस फिर क्या था- कोई लण्ड को चूम रही थी तो कोई मेरे अण्डकोषों से से खेल रही थी। तीनों ने मुझे बीच में लेटा कर खूब चूमा और फिर जब मुझे से रहा न गया तो मैं बोला- मैं झड़ने वाला हूँ, तो जिसने चूसना है वह अपने मुँह में ले ले !
मेरा इतना बोलना था कि तीनों मेरे लण्ड के लिए लड़ने लग पड़ी। वो समय मेरी जिन्दगी में आज तक का सबसे मज़ेदार समय था। मैं तो अपने आप को भगवान् मान रहा था।
फिर करीब पाँच मिनट के बाद मैं झड़ गया। तीनों के होठों पर मेरा वीर्य लगा था !
तब करीब पाँच बज रहे थे और हम थक चुके थे। हम चारों उठे, रोशनी होने से पहले में फटाफट घर भागना चाहता था पर बाहर देखा तो काफी लोग सुबह की सैर के लिए निकल चुके थे। पकड़े जाने के
डर से मैं अगला पूरा दिन उन तीनों के साथ उसी एक कमरे में रहा।
अगले दिन की कहानी सुनने के लिए थोड़ा सब्र करो !
अब हम चारों की अलग-2 शादी हो चुकी है पर मेरे पास अभी भी उनकी उस दिन की नंगी तस्वीरें हैं जो मैंने बहुत संभाल कर रखी हुई हैं।
आपको यह कहानी कैसी लगी?

गर्लफ़्रेंड की मस्त चुदाई

आज़ मैं आपको अपनी स्टोरी बताने जा रहा हूं कि कैसे मैने अपनी कोलेज फ़्रेंड के साथ चुदाई की।
ये कहानी उस वक्त की है जब मैं एम् सी ए कर रहा था। उस वक्त मैं थर्ड सेमेस्टर में था। इसी सेमेस्टर में हमारे इंस्टिट्यूट में लखनऊ से एक लड़की ट्रांसफ़र हुई थी उसका नाम शिप्रा गुप्ता था। वो काफ़ी सुंदर थी। उसका फ़ीगर एक दम मस्त था ३६ २३ ३२ का। और वो एक दम गोरी चिट्टी थी। मेरा तो मन उसे पहली बार देखते ही चोदने का कर रहा था। सो मैने उस से एक दिन मौका पाकर बात शुरु की। मैने पूछा की आप का नाम क्या है। बोली शिप्रा गुप्ता। फिर वो बोली कि मेरा यहां पर कोई दोस्त नहीं है क्या आप मेरे दोस्त बनोगे। जैसे उसने मेरे मन की बात ही छीन ली हो। मैने भी झट से हां कर दिया। उसकि परिवार में उसका छोटा भाई था वो भी बी इ कर रहा था। उसके पपा बैंक में मैनेजर थे। और उसकी ममा हाउस वाइफ थी । ऐसे ही क्लास में आते जाते हम काफ़ी करीब आ चुके थे। एक दिन मौका देख कर मैने उसे आई लव यु बोल दिया। और उसने भी हां कहा। फ़िर एक दिन उसके सभी घरवाले मंदिर के दर्शन करने गये हुए थे।
मंदिर करीब ७० किलो मीटर दूर था। आने और जाने में करीब १० घन्टे लगने की उम्मीद थी। इस लिये उसने मुझे फोन करके बुलाया। मेरे मोबाइल पर। मैं उसके घर गया और देखा कि वो सिर्फ़ एक पतली नाइटी में थी। नाइटी के अंदर उसने ब्लैक ब्रा और पैंटी पहन रखी थी। जो कि साफ़ दिखाई दे रही थी। उसे देखते ही मेरा मूड खराब हो गया और मैने उससे पूछा कि बाकी सब लोग कहां गये हैं। उसने कहा कि मंदिर गये हैं। रात तक आयेंगे। इतने सुनते ही मैने उसे अपने बाहों में ले लिया। और उसे किस करने लगा। मैने उसे अपनी बाहों में उठाया और अंदर बेडरूम में ले गया। और उसके होंठों पर किस करने लगा।
करीब १५ मिनट तक मैने उसे किस किया। वो एक दम उत्तेजित हो चुकी थी और चिल्ला रही थी ऊऊऊऊऊऊओ ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्छ उम्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म प्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्स्स्स्स्स्स्स्स फिर मैने उसकि नाइटी को फाड़ दिया। अब वो सिर्फ़ दो कपडों में थी फिर मैने अपनी पैंट शर्ट खोल दिये अब मैं सिर्फ़ चड्ढी में था। फिर मैने उसे ऊपर से नीचे की तरफ़ किस करने लगा। किस करते हुए जब मैं उसके बूब्स के पास आया तो मैने उसकी ब्रा भी खोल दी। तो ये देख कर मैं पागल हो गया कि उसके इतने मोटे बूब्स एक दम पूरी तरह से टाइट थे और उसके बिटकनी पूरी तरह से तन रहा था। मैने उसे चूसना शुरु किया तो वो चिल्ला उठी प्लीज़ निमिष ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्छ ऊऊऊऊऊऊऊ ईईईए ईईईए ऊऊईइ ईईईइ आआआआआह्ह ह्ह्ह्ह्छ प्लीई ईईस्स्स्स्स्स्स्स फक्क मीईईए ईईईईईए पली जे एई ईएई ईईईईईईस्स्स्स स जल्दी करो। फिर मैने उसकी पैंटी भी निकाल दी और अब वो मेरे सामने बिल्कुल नंगी थी।
मैने भी अपनी चड्ढी खोल दी। मेरा ८ इंच का मोटा तगड़ा लंड देख कर वो घबरा गई और बोली कि प्लीज पूरा मत डालना। मैने सुना है कि काफ़ी दर्द होता है। फिर मैने कहा कि जान दर्द से ज्यादा मजा आता है। तुम देहकती जाओ बस। और मैने अपना लंड उसके मुंह में डालना चाहा तो उसने मना कर दिया और बोली कि इसे मेरी चूत में ही डालो। फिर मैने उसकी चूत को चाटना शुरु किया और काफ़ी देर तक चाटता रहा। उसके मुंह से चींखे निकल रही थी ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्छ ऊऊऊऊऊऊओ प्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्स्स्स्स्स फक्क म्मेमीईए प्लीज चोदो मुझे आआआअ आब्ब्ब्ब्ब्ब्ब्ब और बर्दास्त नही होता है iiii ईईईईई ऊऊऊऊऊ आआआआअह्ह्ह्ह्ह्ह्ह प्लीईईस्स्स फिर उसने मुझे खींच कर अपने ऊपर लिटा लिया और मैने उसके कंधों को अपने हाथों से कस कर पकड़ लिया और अपना लंड उसकी चूत मे डालने लगा। अभी सिर्फ़ २५% ही गया थे कि वो जोर से चिल्लाई और फीछे हटने की कोशिश की मगर मैने भी उसे पूरे जोर से पकड़ रखा था।
फिर एक और झटके से मैने अपना करीब ७५% लंड उसकी चूत में डाल दिया। वो फिर से चिल्लाई ऊऊऊऊऊ ऊऊऊऊ ऊऊऊऊऊऊओ आआआआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह प्लस छोड़ो मुझे लीव में । मैने उसे फिर एक झटका दिया और अब मेरा पूरा लंड उसकी चूत में था। उसके मुंह से काफ़ी तेज आवाज निकल रही थी। लेकिन कुछ ही देर में उसे भी मजा आने लगा। फिर उसने कहा कि निमिश अब मुझे मजा आ रहा है।प्लीज़ फुक्क में फास्ट ।
फिर मैने धीरे-२ अपनी स्पीड बढ़ाते हुए फ़ुल स्पीड कर दी। अब वो चिल्ला रही थी प्लीज जोर से चोदो, प्लीज। फुक्क में ऊऊऊऊओ ऊ अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्छ ऊऊऊऊह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह उम्म्म्म्म्म्म्म करीब २० मिनट तक मैं उसे चोदता रहा। फिर उसकी चूत में से पानी निकल गया और उसने मुझे और टाइट से पकड़ लिया। अब मैं समझ चुका था कि उसका पानी निकल चुका है। अब मैने अपनी स्पीड और तेज की फिर थोड़ी देर में मेरा भी पानी निकल गया। और जब निकलने लगा तो मैं उसके ऊपर ही लेट गया। और फिर थोड़ी देर बाद मैने फिर से उसे चोदा। उस दिन मैने उसे तीन बार चोदा। फिर जब भी मौका मिलता हम चुदाई करते थ

गर्लफ़्रेन्ड की उसी के घर में चुदाई

मेरा नाम प्रवेश है और मैं आज अपनी सच्ची कहानी ले कर आया हूँ! जो मेरे कॉलेज के टाइम की है! मेरा पड़ोस मैं गुप्ता जी रहते हैं जिनकी दो लड़कियाँ हैं बड़ी का नाम कुसुम और छोटी का नाम नेहा है! कुसुम मेरी ही उमर की थी और हम दोनों एक दूसरे को बहुत प्यार करते थे! कुसुम देखने में तो ज्यादा अच्छी नहीं थी मगर उसका फ़ीगर कमाल का था बिल्कुल ऐश्वर्या राय जैसा!
एक दिन उसका पूरा परिवार अपने रिश्तेदार के शादी में पूरे एक सप्ताह के लिए चला गया। घर पर सिर्फ़ उसके पापा और वो ही रह गई थी! क्योंकि उन दोनों को शादी वाले दिन ही जाना था और घर पर भी कोई चाहिए!
उस दिन उसके पापा ऑफिस गए हुए थे और वो घर मैं अकेली थी तो मैंने सोचा कि मौका अच्छा है और उसके घर पर भी कोई नहीं है इस कारण मैं उसके घर चला गया। पहले तो वो मुझे देख कर घबरा गई और फिर बाद में मुझे अपने कमरे में लेकर चली गई! मैंने झट से दरवाजा बंद कर दिया और उसे अपनी बाहों में ले लिया और सीने से लगा कर किस किया।
कुसुम तड़प रही थी मगर उसे भी मज़ा आ रहा था! उसके सारे बदन में आग लग रही थी! मैंने बना मौका गंवाए उसकी गुदाज चुचियों पर हाथ फ़ेर दिया जिस पर कुसुम ने विरोध नहीं किया! मैंने चुचियाँ दबाते हुए ही उसको उठा कर पलंग पर लेटा दिया! अब मैंने उसके कपड़े उतारने शुरु कर दिए और जल्द ही उसे पूरा नंगा कर दिया!
उस समय वो एकदम मस्त लग रही थी वो एक दम परी, जिसे आज मैं चोदने जा रहा था फिर मैंने अपने कपड़े भी उतार दिए और मैं भी पूरी तरह से नंगा हो गया।
अब हम दोनों ६९ की अवस्था में आ गए थे वो मेरा लंड चूस रही थी और मैं उसकी चूत ! इस बीच उसकी चूत एक बार पानी छोड़ चुकी थी और मैं भी अपना पानी उसके मुँह में छोड़ चुका था।
अब मैंने ज्यादा समय बर्दाद न करते हुए उसकी मस्त चूत में अपना 8 इन्च का लंड लगा दिया! एक हल्की सी हरकत की और लंड का अगला भाग अंदर चला गया ! कुसुम कराह उठी। फिर मैंने एक और झटका दिया, इस बार आधे से अधिक अन्दर चला गया। अन्दर का रास्ता अधिक तंग था, चूत की दीवार लंड से चिपक सी गई थी। लण्ड अभी आधा ही अंदर घुसा था।
लेकिन इतने में ही अन्दर की गर्मी सहन नहीं हो रही थी, जैसे अन्दर कोई ज्वालामुखी हो।
इस बीच कुसुम तड़प रही थी, उसका पूरा बदन मशाल गया, मैंने देखा कि उसके चेहरे पर दर्द था, वो चीखना चाहती थी मगर चीखी नही।
तभी मैंने आखरी झटका मारा और लंड पूरा अन्दर चला गया।
इसपर कुसुम जोरदार मचली। उसके गले से दर्द भरी दबी-२ आवाज निकल रही थी, वो दर्द से कराहती हुई बोली, " यह तुमने क्या किया? बहुत दर्द हो रहा है !"
" इसे अभी निकाल लो मेरी जान निकल जायेगी"
" लगता है तुमने मेरी फाड़ दी है परवेश ओह.............. हा............" !
मैं उसकी बात सुन रहा था, लेकिन बोला नहीं। पूरा लंड अन्दर करके अब उस पर छा गया।
उसकी मस्त चुचियों पर फिर से अपने हाथ रख दिए और उसकी हा हा ! रोकने के लिए मैंने उसके होंटों पर अपने होंट रखे दिए और जोर से चूमने लग गया और धक्के लगाता रहा।
थोड़ी देर बाद वो भी मेरा पूरा साथ देने लगी और दोनों नशे में चुदाई करने लगे, उसका दर्द अब जा चुका था और वो भी मज़ा ले रही थी।
मैंने करीब ६० मिनट तक उसकी चुदाई की और बाद में अपने लंड का वीर्य साफ़ कर के अपने घर चला गया ! उसके बाद जब भी हमें मौका मिलता, हम अपना टाइम पास कर लेते हैं।
तो आप लोगो को मेरी कहानी कैसी लगी।

गीता भाभी ने चोदना सिखाया

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