Monday, July 20, 2015

गर्लफ़्रेन्ड की उसी के घर में चुदाई

मेरा नाम प्रवेश है और मैं आज अपनी सच्ची कहानी ले कर आया हूँ! जो मेरे कॉलेज के टाइम की है! मेरा पड़ोस मैं गुप्ता जी रहते हैं जिनकी दो लड़कियाँ हैं बड़ी का नाम कुसुम और छोटी का नाम नेहा है! कुसुम मेरी ही उमर की थी और हम दोनों एक दूसरे को बहुत प्यार करते थे! कुसुम देखने में तो ज्यादा अच्छी नहीं थी मगर उसका फ़ीगर कमाल का था बिल्कुल ऐश्वर्या राय जैसा!
एक दिन उसका पूरा परिवार अपने रिश्तेदार के शादी में पूरे एक सप्ताह के लिए चला गया। घर पर सिर्फ़ उसके पापा और वो ही रह गई थी! क्योंकि उन दोनों को शादी वाले दिन ही जाना था और घर पर भी कोई चाहिए!
उस दिन उसके पापा ऑफिस गए हुए थे और वो घर मैं अकेली थी तो मैंने सोचा कि मौका अच्छा है और उसके घर पर भी कोई नहीं है इस कारण मैं उसके घर चला गया। पहले तो वो मुझे देख कर घबरा गई और फिर बाद में मुझे अपने कमरे में लेकर चली गई! मैंने झट से दरवाजा बंद कर दिया और उसे अपनी बाहों में ले लिया और सीने से लगा कर किस किया।
कुसुम तड़प रही थी मगर उसे भी मज़ा आ रहा था! उसके सारे बदन में आग लग रही थी! मैंने बना मौका गंवाए उसकी गुदाज चुचियों पर हाथ फ़ेर दिया जिस पर कुसुम ने विरोध नहीं किया! मैंने चुचियाँ दबाते हुए ही उसको उठा कर पलंग पर लेटा दिया! अब मैंने उसके कपड़े उतारने शुरु कर दिए और जल्द ही उसे पूरा नंगा कर दिया!
उस समय वो एकदम मस्त लग रही थी वो एक दम परी, जिसे आज मैं चोदने जा रहा था फिर मैंने अपने कपड़े भी उतार दिए और मैं भी पूरी तरह से नंगा हो गया।
अब हम दोनों ६९ की अवस्था में आ गए थे वो मेरा लंड चूस रही थी और मैं उसकी चूत ! इस बीच उसकी चूत एक बार पानी छोड़ चुकी थी और मैं भी अपना पानी उसके मुँह में छोड़ चुका था।
अब मैंने ज्यादा समय बर्दाद न करते हुए उसकी मस्त चूत में अपना 8 इन्च का लंड लगा दिया! एक हल्की सी हरकत की और लंड का अगला भाग अंदर चला गया ! कुसुम कराह उठी। फिर मैंने एक और झटका दिया, इस बार आधे से अधिक अन्दर चला गया। अन्दर का रास्ता अधिक तंग था, चूत की दीवार लंड से चिपक सी गई थी। लण्ड अभी आधा ही अंदर घुसा था।
लेकिन इतने में ही अन्दर की गर्मी सहन नहीं हो रही थी, जैसे अन्दर कोई ज्वालामुखी हो।
इस बीच कुसुम तड़प रही थी, उसका पूरा बदन मशाल गया, मैंने देखा कि उसके चेहरे पर दर्द था, वो चीखना चाहती थी मगर चीखी नही।
तभी मैंने आखरी झटका मारा और लंड पूरा अन्दर चला गया।
इसपर कुसुम जोरदार मचली। उसके गले से दर्द भरी दबी-२ आवाज निकल रही थी, वो दर्द से कराहती हुई बोली, " यह तुमने क्या किया? बहुत दर्द हो रहा है !"
" इसे अभी निकाल लो मेरी जान निकल जायेगी"
" लगता है तुमने मेरी फाड़ दी है परवेश ओह.............. हा............" !
मैं उसकी बात सुन रहा था, लेकिन बोला नहीं। पूरा लंड अन्दर करके अब उस पर छा गया।
उसकी मस्त चुचियों पर फिर से अपने हाथ रख दिए और उसकी हा हा ! रोकने के लिए मैंने उसके होंटों पर अपने होंट रखे दिए और जोर से चूमने लग गया और धक्के लगाता रहा।
थोड़ी देर बाद वो भी मेरा पूरा साथ देने लगी और दोनों नशे में चुदाई करने लगे, उसका दर्द अब जा चुका था और वो भी मज़ा ले रही थी।
मैंने करीब ६० मिनट तक उसकी चुदाई की और बाद में अपने लंड का वीर्य साफ़ कर के अपने घर चला गया ! उसके बाद जब भी हमें मौका मिलता, हम अपना टाइम पास कर लेते हैं।
तो आप लोगो को मेरी कहानी कैसी लगी।

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