दिली की औरतें (दिल्ली बेल्ली) PART 2

आंटी के गोरे गोरे गोलगोल मम्मे साफ साफ नाइटी से झलक रहे थे, शायद आंटी भी मेरे मनोभावों को समझ रही थी।
उन्होंने मुझसे पूछा- तुम्हारी कोई गर्ल फ्रेंड है? क्या तुम उससे मिलने गए थे इसलिए तुम्हें घर आने में देर हुई?
मैंने शरमाते हुए कहा- नहीं, ऐसी बात नहीं है।
मैंने जल्दी जल्दी खाना खाया और झट से उठ गया।
मैं अपने कमरे में आकर मुठ मारने लगा, रात भर आंटी की जांघें, उनके स्तन और शाम्भवी के चूतड़ याद आते रहे।
कुछ दिनों बाद परीक्षायें शुरू हो गई थी, शाम्भवी प्रथम वर्ष की छात्रा थी, उसकी भी परीक्षायें शुरू हो गई थी।
उसी दौरान ऊपर वाले ने मेरी सुन ली, उनके घर उनके चाचा जी आ गए, वे अपने बेटी की शादी का निमंत्रण देने आये थे।
उनका घर मुरादाबाद में है, वो अगले दिन चले गए, मैं मन ही मन खुश हो रहा था कि अब अंकल और आंटी चली जाएँगी और मैं और शाम्भवी अकेली रह जायेंगे।
एक हफ्ते बाद अंकल को जाना था, जाने के एक दिन पहले आंटी ने मुझे बुलाया, मैं झट से पहुंचा।
आंटी ने मुझसे कहा- तेज तुमको अगले कुछ दिनों में अपने घर तो नहीं जाना है ना?
मुझे क्या पागल कुत्ते ने काटा था जो ऐसे मौके पर मैं घर जाता, मैंने मन में सोचा।
"नहीं आंटी, मुझे घर नहीं जाना है...!"
"बेटा, कल हम लोग शाम्भवी के चाचा के यहाँ जा रहे हैं, उनकी बेटी की शादी है, लौटने में 3 दिन लगेंगे, शाम्भवी की परीक्षायें चल रही हैं इसलिए वो नहीं जा पायेगी। इसलिए तुम कॉलेज से जल्दी लौट आया करना, रात का खाना यहीं पर खा लिया करना क्यूंकि शाम्भवी तीन दिन घर पर अकेली रहेगी।"
मैं तो मन ही मन सोच रहा था कि आंटी, तुम जाओ, मैं तो कॉलेज ही नहीं जाऊँगा।
दूसरे दिन अंकल और आंटी सुबह निकल गए, अब मैं और शाम्भवी घर में अकेले ही रह गए थे।
शनिवार का दिन था, शाम्भवी पेपर देने चली गई दोपहर को लौट कर आई, मैं घर पर ही था, आते ही उसने मुझसे पूछा- आप...? कॉलेज नहीं गए?
मैंने बहाना मार दिया- ...मेरी तबीयत कुछ सही नहीं है...
उसने मुस्कुरा कर मेरी तरफ देखा और चली गई।
मैं तो बेहोश ही हो जाता... उसके वो गोलगोल कूल्हे ! हाय मैं एक बार इसकी गाण्ड मार लूँ, फिर मैं नर्क में भी जाने को तैयार हूँ।
खैर किसी तरह शाम हुई, मैं अपने लैपटॉप पर ब्लू फिल्म देख रहा था, मैं दरवाजा बंद करना भूल गया था, अचानक मुझे लगा दरवाजे पर कोई है।
पर मैंने पलट कर देखा नहीं, मुझे मालूम था शाम्भवी ही होगी।
4-5 मिनट बाद उसने दरवाजा खटखटाया मैंने अपने लंड सीधा किया और बाहर आया।
वो सर झुकाए हुए थी... उसकी साँसें तेज चल रही थी...
मैंने जान लिया कि उसने मुझे ब्लू फिल्म देखते हुए देख लिया है...
मैंने पूछा- क्या हुआ...?
उसने हिचकिचाते हुए कहा- चाय पी लीजिये आकर...
मैं धीरे से उसके पीछे पीछे उसकी गांड को निहारता हुआ उसकी शरीर से आती मादक खुशबू को सूंघता हुआ उसके पीछे चल दिया। मैं सोफे पर बैठा था, वो चाय लाने चली गई, थोड़ी देर में वो आई और चाय का कप रख कर चली गई।
मैं चाय पीकर अपने कमरे में आकर जोर जोर से मुठ मारने लगा...
रात हुई... अचानक नीचे से आवाज आई- खाना खा लीजिये...
मैं झट से लोअर और टीशर्ट पहन कर निकल पड़ा, मैंने जानबूझ कर अंडरवीयर नहीं पहना था ताकि उसकी नजर मेरे 8 इंच लंबे लंड पर पड़े !
मैं जाकर सोफे पर बैठ गया.. 5 मिनट बाद वो खाना लेकर आई...
उसे देख कर मैं चौंक पड़ा, उसने एक मिनी स्कर्ट पहन रखी थी और एक सफ़ेद रंग की टॉप ! मिनी स्कर्ट के नीचे से उसकी गोरी गोरी दूधिया जांघें साफ़ साफ़ दिख रही थी।
मेरा पजामा तो तम्बू बन गया था, उसने खाना रख कर मेरी तरफ कर दिया और वो पलट के सामने कमरे में चली गई, कमरे का दरवाजा खुला था, वो बिस्तर पर बैठ कर टी वी आन करके कोई फिल्म देख रही थी और मैं खाना खाते हुए उसको निहारे जा रहा था। 15 मिनट लगे मुझे खाना खाने में, फिर मैं हाथ मुँह धोकर सोफे पर बैठ कर उसको देख रहा था, पजामे में मेरा लंड टाईट हुआ जा रहा था, उसने मेरी तरफ देखा और मुझसे पूछा- अगर टीवी देखना हो तो यहाँ आकर देख लीजिये, वहाँ से साफ़ नहीं दिख रहा होगा। उसे लगा कि मैं टी वी देख रहा हूँ।
पर अंधे को क्या चाहिए, दो आँखें !
मुझे तो मन मांगी मुराद मिल गई थी, मैं झट से उसके कमरे में चला गया और कुर्सी पर बैठ गया, टीवी देखने लगा, मैं तिरछी नज़र से उसको भी देख रहा था।
अचानक उसने भी तिरछी नज़र से मुझको देखा, उसी समय मैं भी उसको देख रहा था, हम दोनों की नज़रें मिल गई, उसने अपना मुँह दूसरी तरफ घुमा लिया और मैंने मुस्कुरा कर अपना सर नीचे कर लिया।
उसने मेरी तरफ देखा और मुझसे पूछा- अगर टीवी देखना हो तो यहाँ आकर देख लीजिये, वहाँ से साफ़ नहीं दिख रहा होगा। उसे लगा कि मैं टी वी देख रहा हूँ।
पर अंधे को क्या चाहिए, दो आँखें !
मुझे तो मन मांगी मुराद मिल गई थी, मैं झट से उसके कमरे में चला गया और कुर्सी पर बैठ गया, टीवी देखने लगा, मैं तिरछी नज़र से उसको भी देख रहा था।
अचानक उसने भी तिरछी नज़र से मुझको देखा, उसी समय मैं भी उसको देख रहा था, हम दोनों की नज़रें मिल गई, उसने अपना मुँह दूसरी तरफ घुमा लिया और मैंने मुस्कुरा कर अपना सर नीचे कर लिया।
उसने मुझसे कहा- बेड पर आ जाओ, ठण्ड लग रही होगी।

CNTD......

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