दिली की औरतें (दिल्ली बेल्ली) PART 3

उसने मुझसे कहा- बेड पर आ जाओ, ठण्ड लग रही होगी।
मैं बिस्तर पर उसके बगल बैठ गया, अब मुझमें थोड़ी बहुत हिम्मत आ रही थी, मुझे लगाने लगा था कि उसके मन में भी कुछ है, उसने अपना कम्बल मेरी तरफ बढ़ाते हुए कहा- आप भी ओढ़ लीजिये, नहीं तो ठण्ड लग जाएगी।
मैं उसके कम्बल में पैर डाल कर कमर तक ओढ़ कर बैठ गया, अब मुझसे बर्दाश्त नहीं हो रहा था, मैंने अपना पैर उसकी तरफ बढ़ाना शुरू कर दिया...
कम्बल के अन्दर ही मेरा पैर उसके पैरों को ढूँढने लगा, मेरा दिल जोरों से धड़क रहा था हल्का हल्का पसीना आने लगा। अचानक मेरा पैर उसके पैर से हल्का सा छु गया, मुझे तो जैसे 440 वोल्ट का कर्रेंट लगा हो मैंने तुरंत अपना पैर पीछे कर लिया।
मेरा लंड मेरे पजामे में फटने को बेताब हो रहा था, लेकिन मैंने गौर किया कि मेरी इस हरकत से उसको कोई फर्क नहीं पड़ा।
मेरी हिम्मत कुछ बढ़ रही थी, अचानक...
अचानक उसने रिमोट लिया और चैनल बदलने लगी किसी चैनल पर होरर शो आ रहा था, बहुत ही डरावना था, पर आज कितना भी
डरावना शो आये मुझे डर नहीं लग रहा था, मैंने फिर अपना पैर उसकी तरफ बढ़ा दिया, इस बार मेरा पैर उसके पैर को छुआ तो मैंने पैर पीछे नहीं किया। उसने मेरी तरफ देखा पर कुछ नहीं बोली।
मेरी हिम्मत और बढ़ गई थी, मैंने उसके पैरो पर अपने पैर सटा के धीरे धीरे ऊपर की ओर ले जाने लगा, उसने तुरंत अपना पैर हिलाया, मैं डर गया, मैं रुक गया, पर मैंने अपना पैर पीछे नहीं किया, अचानक कोई बहुत ही डरावना सीन आया और उसने डर के मारे मेरा हाथ पकड़ लिया, फिर उसने सॉरी बोल कर मेरा हाथ छोड़ दिया।
मैंने कहा- डर लग रहा है तो चैनल बदल दो।
उसने कहा- बहुत अच्छी कहानी आ रही है.. पर थोड़ी डरावनी है, मैं देखना चाहती हूँ पर डर लग रहा है, मम्मी पापा रहते थे तो उनके साथ देखती थी फिर मम्मी के पास ही सो जाती थी।
मैंने तुरंत कहा- कोई बात नहीं, तुम पूरा शो देखो, मैं हूँ, डरने की कोई बात नहीं।
उसने मुस्कुरा कर धन्यवाद कहा और शो देखने लगी। मैंने अपना पैर उसके पैर पर रगड़ना शुरू कर दिया। शो में कुछ अश्लील दृश्य भी थे, वो उसको ध्यान से देख रही थी, मैंने अपना पैर उसके घुटने तक ला दिया और सहलाने लगा।
वो कुछ नहीं बोल रही थी, उसकी साँसें तेज हो रही थी, मेरी हिम्मत बहुत बढ़ गई थी, मैंने अपना हाथ कम्बल के अन्दर से ही
उसकी जांघों पर रख दिया। वो कसमसाई पर बोली कुछ नहीं।
मैंने धीरे धीरे उसके जांघों को सहलाना शुरू कर दिया, उसने सिर्फ स्कर्ट ही पहन रखी थी।
हे भगवान, क्या बताऊँ ! कितनी चिकनी जांघें थी। रुई जैसी नर्म, मैं तो पागल हुआ जा रहा था। अचनक सीरियल खत्म हो गया, उसकी साँसें तेज चल रही थी।
मुझे उसकी आँखों में लाल डोरे साफ़ दिख रहे थे मैं समझ गया कि यह पूरा नशे में है, वो उठी, टीवी बंद किया और उठ कर बाथरूम में चली गई। मैं अपना लंड मसोस कर रह गया, मुझे लगा अब ज़िन्दगी में कभी इसको चोद नहीं पाऊँगा।
मैंने सोचा क्यों न इसको बाथरूम में नंगा देखा जाये, मैंने की-होल में आँख लगा दी, अन्दर का नज़ारा देखते ही मेरे होश उड़ गए, वो नीचे से पूरी नंगी थी, उसने अपनी उंगली से अपनी चूत सहला रही थी और जोर जोर से सिसकारियाँ ले रही थी।
मैं पागल हुआ जा रहा था, फिर उसने अपने कपड़े पहने और बाहर आने लगी।
मैं तुरंत जाकर कुर्सी पर बैठ गया, वो बाहर आई तो मैंने उससे कहा- ठीक है, अब तुम सो जाओ, मैं अपने कमरे में चलता हूँ, अगर डर लगे तो बुला लेना।
उसने कहा- मुझे डर लगेगा तो मैं आप को बुलाने कैसे आऊँगी, बाहर निकलने में भी तो डर लगेगा, प्लीज आज आप यहीं सो जाइये...
मैंने कहा- वो तो है... ठीक है, मैं यहीं सो जाता हूँ...
फिर मैं उसके ही बेड पर थोड़ी दूरी बना कर लेट गया... और मैंने कम्बल ओढ़ लिया। उसने लाइट बंद की और आकर बेड पर लेट गई..
मुझे नींद कहाँ आने वाली थी.. मैं तो उसको चोदने की सोच रहा था...
मैंने सोच लिया था कि आज इसको चोद कर ही रहूँगा...फिर यह चाहे गुस्सा ही क्यों न हो जाये।
मैंने अपना हाथ उसकी तरफ बढ़ा दिया उसके घुटनों तक मेरा हाथ पहुँच गया था, मैं उसके घुटने सहलाने लगा, एकदम चिकनी टांगें नर्म नर्म ! मैंने अपने हाथ उसकी जांघों तक बढ़ा दिया और जांघों को सहलाने लगा।
वो कसमसा रही थी, पर मुझे कोई फर्क नहीं पड़ रहा था, मैंने अपनी उंगलियाँ उसकी नर्म जांघों पर फिरानी चालू कर दी, उसने अपने दोनों पैरों को चिपका लिया और टांगों को एकदम सख्त कर लिया।
मैं जान गया कि वो सो नहीं रही है, उसे भी मजा आ रहा है।

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