Sunday, June 28, 2015

ठरकी दामाद की हवस 27

ये सोचकर अजय ने भी अपनी तरफ से उसे चूमना शुरू कर दिया और उसका हाथ सीधा उसकी ब्रेस्ट पर जा चिपका..और गाउन के नीचे ब्रा के ना होने के एहसास से ही अजय को पता चल गया की ये तो पहले से ही तैयार होकर बैठी हुई है.

अजय ने उसके गाउन की जीप खोल दी और उसकी उभरी हुई ब्रेस्ट की लकीरों को चूमने लगा..

प्राची : "अब चिंता नही है क्या तुम्हे अपनी साली की ....''

वो भी मज़े ले रही थी अजय से..

अजय : "वो देखती है तो देख ले...मैं अपनी बीबी को किस्स कर रहा हूँ ,किसी गैर को नही..''

अजय ने भी उसी टोन में कहा जिसमें प्राची ने वो बात कही थी..

और अजय के ऐसा कहते ही प्राची को ढेर सारा प्यार आ गया अपने पति पर...और उसने अपने गाउन को फेला कर अजय को अंदर घुसा लिया और अपनी मोटी छातियों से उसके चेहरे की मसाज करने लगी.

ठंडे-2 बूब्स के नर्म एहसास में आते ही अजय को ऐसा लगा की वो किसी जन्नत में आ गया है...वो भी अपनी आँखे बंद करके उस मसाज का मज़ा लेने लगा.

और इसी बीच पूजा कपड़े बदल कर बाहर आ गयी...आज वो जान बूझकर बिना ब्रा के टी शर्ट पहन कर आई थी...ताकि अपने खड़े हुए निप्पल अपने जीजू को दिखा कर थोड़े और मज़े ले सके..और साथ में केप्री पहनी हुई थी उसने..

पर बाहर निकलते ही, ड्रॉयिंग रूम में उसने जो दृश्य देखा , उसे देखकर वो ठिठक कर रह गयी..

उसकी बड़ी बहन प्राची अपने पति यानी अजय की गोद में बैठकर अपने स्तन उससे चुस्वा रही थी...

दोनो की पीठ थी उसकी तरफ,इसलिए वो पूजा को नही देख सकते थे...वो दबे पाँव वापिस अंदर गयी और दरवाजा थोड़ा सा खोलकर अंदर ही खड़ी हो गयी...पता नही क्या आया था उसके मन में , वो चाहती तो थोड़ी बहुत आवाज़ निकालकर उन्हे सचेत कर सकती थी और फिर दूसरे रूम में जाकर सो सकती थी..पर उसने ऐसा किया नही...शायद आज जिस तरह का एहसास अजय ने उसे दिया था,उसकी वजह से सेक्स के प्रति उसकी एक अलग ही रूचि बन चुकी थी...और ऐसे में अजय और प्राची को इस हालत में देखकर वो भी छुपकर देखने लगी की आगे क्या होता है.

पर अंदर ही अंदर उसे ये सब अक्चा नही लग रहा था...ठीक वैसी ही फीलिंग आ रही थी उसे जैसी तब आई थी जब अजय ने सोनी के पास जाने की बात बताई थी..वो दोनों ना मिल सके, यही सोचकर उसने किस्स के लिए हाँ करी थी..वो जलन, वो जेलिसी जो उस वक़्त सोनी से हुई थी पूजा को, अब प्राची से हो रही थी...

भले ही प्राची अजय की बीबी थी और सिर्फ़ उसका ही हक था उसपर...पर अजय के साथ पार्क में हुए एक्सपीरियेन्स की वजह से अब पूजा को भी लगने लगा था की उसका भी कोई हक़ है अजय पर...इसलिए उसे इस तरह अपनी बीबी के मुम्मे चूसते देखकर उसे बड़ा गुस्सा भी आ रहा था...पर उसने उनको देखना बंद नही किया..क्योंकि ये पहला मौका था जब वो किसी को ऐसा करते हुए देख रही थी.

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अजय ने प्राची के स्तनों को अच्छी तरह से पीया और फिर वापिस उपर आकर उसके होंठों को चूसने लगा...प्राची का हाथ नीचे आकर अजय के खड़े हुए लंड को टटोल रहा था...दोनो ही जानते थे की वहाँ बैठकर इस समय कुछ भी करना संभव नही है, पर दोनो में से कोई रुक भी नही रहा था...अगर पूजा आज की रात उनके घर पर ना होती तो अजय ने अब तक उसे वहीं नंगी करके घोड़ी बना दिया होता और खुद भी नंगा होकर उसकी चुदाई करने मे लगा होता..पर पूजा की वजह से वो अपने कपड़े नही उतार रहे थे.

और उन दोनो को तो ये बात पता भी नही थी की जिसके डर से वो चूमा चाटी से ज़्यादा नही कर पा रहे है, वो पूजा बाथरूम मे छुपकर उन्हे ही देख रही थी...

पूजा को बेतहाशा चूमते-2 अजय ने अपना लंड पायजामे से निकालकर उसके हाथ में पकड़ा दिया...अजय का गर्म लंड हाथ में आते ही प्राची किसी नागिन की तरह फुफ्कारने लगी...अपनी चूत वाले हिस्से को अजय की जाँघ पर रगड़कर वो अपनी उत्तेजना का इज़हार सरेआम करने लगी..

अजय फुसफुसाया : "तेरी बहन ना होती ना इस समय घर पर, तो यही नंगा करके चोद देता तेरी चूत को...''

प्राची ने भी हुंकार भरते हुए कहा : "तुम कब से ऐसे डरने लग गये...तुम मर्दों को तो ये सब अक्चा लगता है की कोई तुम्हे सेक्स करते हुए देखे...है ना...''

प्राची की ये बात सुनकर अजय चोंक गया....आज से पहले प्राची ने ऐसी बात की ही नही थी..वो तो काफ़ी रिसर्व रहने वाली और अजय को भी कंट्रोल में रखकर चलने वाली औरत थी...ऐसा वो पहली बार बोल रही थी..

अजय ने भी सोचा की इसे कुरेद कर देखा जाए की ये किस हद तक आगे जाती है..

वो बोला : "मुझे डर इस बात से नही लग रहा की कोई हमें देख लेगा, बल्कि इस बात से लग रहा है की वो देखने वाली मेरी साली होगी...और अगर उसने मेरा लंबा लंड देख लिया तो उसका भी दिल आ जाएगा इसपर...''

उसने अपने लंड की तरफ इशारा करते हुए कहा..

अजय के ऐसा बोलते ही प्राची का लहज़ा बदल गया : "उसकी आँखे नोच लूँगी अगर मेरे पति के लंड की तरफ देखा भी तो...चाहे वो मेरी बहन ही क्यो ना हो...''

अजय ने अपना माथा पीट लिया...शायद आवेश में आकर वो कुछ ज़्यादा हो बोल गया था....वो बेचारा अब पछता रहा था की उसने इतना बाड़िया मौका ऐसे ही गँवा दिया..

उसने तुरंत बात को संभालते हुए कहा : "ओहो.....मुझे पता था की मेरी जान के लिए मेरा ये लंड कितना कीमती है...मैं तो बस मज़ाक कर रहा था...चलो अब...अंदर चलो...मुझसे अब रहा नही जा रहा ....''

प्राची भी बिना कुछ बोले उठ गयी और दोनो एक दूसरे को चूमते-2 अपने बेडरूम में चले गये.

बाथरूम के अंदर खड़ी पूजा ने वो सब सुन लिया था और वो हैरान हुए जा रही थी की किस तरह से प्राची ने उसके बारे में बोला...भले ही वो ऐसा कोई इरादा नही रखती थी..और हर कोई बीबी ऐसा ही कहेगी, पर फिर भी पूजा को अपनी सग़ी बहन से ऐसे बर्ताव की उम्मीद नही थी...और थोड़ी देर पहले जो ईर्ष्या की भावना उसके मन में आई थी, वो धीरे -2 नफ़रत के रंग में नहाने लगी...

उसने मन में निष्चय कर लिया की अब जो भी हो जाए, वो अजय को प्राची से छीनकर ही रहेगी...अपने जीजू को सोनी के चुंगल से निकालकर जो कॉन्फिडेंस पूजा में आया था, वो अभी तक बरकरार था, इसलिए उसे ये काम बड़ा ही आसान लग रहा था.

पर अभी के लिए वो उन दोनो का ये खेल भी देखना चाहती थी, जो खेलने के लिए दोनो अपने बेडरूम में गये थे...अब उसका दिमाग़ किसी जासूस की तरह चल रहा था,जो अपने शिकार की हर हरकत पर नज़र रखकर अपने अगले चरण की रूपरेखा बनाता है..

वो धीरे-2 चलती हुई उनके बेडरूम तक गयी, और हमेशा की तरह उनका दरवाजा सिर्फ़ बंद था, अंदर से लॉक नही.

और बीच के चीरे में से देखने पर उसे अंदर चल रही रास लीला पूरी तरह से दिखने लगी.

अजय ने प्राची के बूब्स को बाहर निकाल कर बुरी तरह से चूसना शुरू कर दिया था...और प्राची उसके बालों को पकड़कर उसके चेहरे को अपनी छातियों में उसे ऐसे घिस रही थी जैसे कोई खुजली मिटा रही हो..

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अजय के हाथ हरकत में आए और उसने प्राची के गाउन को घुमाकर सिर से निकाल दिया.

और अब वो पूरी नंगी खड़ी थी अजय के सामने...

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प्रेगनेंसी की वजह से हल्का सा पेट निकला हुआ था..बाकी सब पहले जैसा ही था.

अपनी बहन को ऐसे नंगा देखकर पूजा भी शरमाकर रह गयी...ये पहला मौका था जब उसने अपनी बहन को शादी के बाद ऐसे नंगा देखा था..शादी से पहले दोनों बहने अक्सर एक दूसरे के सामने कपड़े बदल लेती थी..पर उस समय दोनो ज़्यादा ध्यान नही देती थी एक दूसरे पर..

लेकिन उस वक़्त की प्राची और आज की प्राची में ज़मीन आसमान का फ़र्क आ चुका था..

उसके बूब्स पहले के मुक़ाबले काफ़ी बड़े और गोल हो चुके थे.

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उसके निप्पल भी काफ़ी लंबे लग रहे थे पहले के मुक़ाबले...शायद खड़े होने की वजह से..

और उसकी गांड के तो क्या कहने...इतनी बाहर निकल चुकी थी की उसके गद्देदार होने का एहसास बाहर खड़ी पूजा को भी हो रहा था, क्योंकि वो ज़रा सी हिलती तो उसकी गांड की थिरकन दूर से ही दिखाई दे जाती...

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और नीचे उसकी सफाचत और रसीली चूत, जिसमे से रस बहकर नीचे गिर रहा था , वो पहले से काफ़ी साफ़ सुथरी और बड़ी सी भी लग रही थी..

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और शरीर के साथ -2 उसकी जांघे भी काफ़ी भर चुकी थी.

यानी कुल मिलाकर वो शादी के बाद पूरी तरह से खिल चुकी थी..

कली से फूल बन चुकी थी...

जिसपर जवानी का रंग बेमिसाल तरीके से चड़ा हुआ था.

पूजा सोचने लगी की क्या वो भी शादी के बाद ऐसी रसीली सी दिखने लगेगी...जब उसकी रोज चुदाई होगी...

और अगर उसने चुदाई पहले ही करनी शुरू कर दी तो....यानी उसके जीजू ने अगर उसकी चूत रोज इसी तरह से मारनी शुरू कर दी तो उसके जिस्म पर भी ऐसी जवानी की बहार आ जाएगी..

ये एहसास मिलते ही उसके बदन में सिहरन दौड़ गयी...और उसकी आँखो में लाल डोरे तैरने लगे.

पर अगले ही पल वो लाल डोरे और भी सुर्ख हो उठे,जब उसकी नज़र एक बार फिर से अजय के लंड पर गयी..

अजय भी अपने कपड़े निकाल कर नंगा हो चुका था, गुड लुकिंग तो वो था ही,उसका कसरती बदन देखकर पूजा की चूत में पानी की एक लकीर बाहर बह निकली...बिल्कुल पर्फेक्ट मेच था वो उसकी सेक्सी बहन के साथ...दोनो एक दूसरे को मात दे रहे थे..

एक ही दिन में दूसरी बार अपने जीजू के लंड के दर्शन करना कोई मामूली बात नही थी.

और उन्हे पूरा नंगा देखने का सोभाग्य उसे आज ही मिल जाएगा, ये भी उसने नही सोचा था.

उसकी नज़र जीजू के लंबे लॅंड के साथ-2 उनकी गांड पर भी थी...यानी अजय के चूतड़ों पर..जो काफ़ी आकर्षक लग रहे थे...उसने सोच लिया की वो जब भी अपने जीजू के साथ कुछ ऐसा - वैसा करेगी तो उनके गले से लगकर उनके चूतड़ ज़रूर दबाएगी. . ये शायद उसकी अनगिनत फैंटसी में से एक थी 

पर अभी के लिए तो वो काम प्राची कर रही थी.

वो अजय को बेड के कोने पर बिठाकर खुद नीचे बैठ गयी और उसके खड़े हुए लंड को मुँह में लेकर जोरों से चूसने लगी.

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अपनी बहन को अजय का लंड चूसते देखकर पूजा मुस्कुरा उठी...क्योंकि ये वही लंड था जो कुछ घंटे पहले उसके मुँह में था..और उसके इशारों पर नाच भी रहा था.

और साथ ही साथ पूजा अपनी बहन के लंड चूसने की प्रक्रिया देखकर दंग रह गयी...वो कितनी सफाई से और कितने अंदर तक अजय के लंड को निगल रही थी...एक तरह से देखा जाए तो कुछ नया सीखने को मिल रहा था आज पूजा को...और वो बड़े ही ध्यान से वो सब सीखने की कोशिश भी कर रही थी...क्योंकि आज नही तो कल उसे भी ऐसी कला का इस्तेमाल करके अपने पार्ट्नर को खुश करना पड़ेगा.

उसके दिमाग़ में एक बात आई की ये भी तो एक कला है जो लड़कियों को शादी से पहले सीखनी चाहिए...जैसे वो अपने ससुराल जाने से पहले खाना बनाना और दूसरे घरेलू काम सीखती है, उसी तरह ये काम भी सीखकर ही जाना चाहिए उन्हे, ताकि अपने जीवन का सबसे अहम धर्म ,यानी पति को खुश करने का काम, वो सही ढंग से निभा सके.

ये ख़याल आते ही उसे खुद ही अपनी सोच पर हँसी आ गयी.

अजय के लंड को चूसने के कुछ देर बाद दोनो ने अपनी सीट बदल ली...अब अजय ज़मीन पर घुटनो के बाल बैठा था और प्राची अपनी टांगे फेला कर उसके सामने लेटी हुई थी.

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अजय की पेनी जीभ जैसे ही प्राची की चूत से टकराई, प्राची के साथ-2 पूजा के मुँह से भी सिसकारी निकल गयी...पूजा को तो ऐसा लगा की उसके जीजू की जीभ उसकी चूत को कुरेद रही है...उसने तुरंत अपनी चूत को अपने हाथों में दबोच लिया...जो इतनी गीली हो चुकी थी की उसे हाथ में लेते ही ऐसा लगा जैसे कोई चाशनी में डूबा कपड़ा निचोड़ दिया हो उसने...और नीचोड़ा गया गाड़ा रस उसकी उंगलियों से होता हुआ नीचे गिरने लगा.

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ठरकी दामाद की हवस 26

उसने अपना हाथ हटाना चाहा तो अजय ने रोक दिया और बोला : "प्लीज़ पूजा....सिर्फ़ एक बार....अब इतना कुछ तो हो ही चुका है हमारे बीच,ये भी हो जाएगा तो क्या होगा...एक बार किस्स कर लो बस....फिर मैं कुछ भी करने को नही कहूँगा तुम्हे....''

पूजा : "पर जीजू.....ये सब......आई मीन..........गलत है .....ना....''

अजय : "देखा जाए तो सब ग़लत है, तुम्हारा मुझे अपनी सहेलियों के सामने बी एफ बोलना, हमारा यहाँ आना, हमारा किस्स करना...सब ग़लत है...ऐसे में एक और ग़लत काम हो जाएगा तो कुछ नही होगा...''

पूजा अजय की गोद में बैठी ये सब बातें कर रही थी...और दूर बैठी सोनी को कुछ भी सुनाई नही दे रहा था...वो तो पहले से ही उन दोनो की इतनी हॉट और सेक्सी किस्स को देखकर अपनी चूत मसल रही थी...और अब ये सोचकर की शायद कुछ देर के लिए दोनो बातें कर रहे हैं,वो उनके अगले एक्शन का इंतजार करते हुए अपने बूब्स दबा रही थी झाड़ियों के बीच बैठकर..

अजय ये तो समझ ही चुका था की वो मान जाएगी, बस थोड़ी बहुत और मेहनत करनी पड़ेगी..

इसी बीच पूजा ने अपना हाथ छुड़वा लिया और बोली : "नही जीजू...ये मुझसे नही होगा...आप चाहो तो थोड़ी देर तक और किस्स कर सकते हो मुझे...''

इतना कहकर उसने फिर से अपनी आँखे बंद कर ली और अपना चेहरा अजय के सामने परोस दिया..

अजय भी हरामी था, उसे पता था की ऐसे मौके पर क्या करना चाहिए....उसने पूजा के चेहरे को पकड़ा और उसे फिर से चूमना शुरू कर दिया...और इस बार अपने वाले जंगली तरीके से....



जिसे महसूस करके पूजा के शरीर का पारा बढ़ता चला जा रहा था...

और इसी बीच अजय ने अपनी पेंट की ज़िप खोलकर अपने लंड को बाहर निकाल लिया....और पूजा को चूमते-2 ही उसने उसके हाथ को पकड़कर एक बार फिर से अपने लंड की तरफ दबा दिया...एक तो अजय की किस्स का नशा और उपर से उत्तेजना का...ऐसे में पूजा ने भी मना नही किया और अजय के लंड वाले हिस्से पर अपने नाज़ुक हाथ रख दिए ...

पर इस बार लंड अंदर नही,बाहर था..और नंगा भी 

और अजय के नंगे लंड पर हाथ लगते ही उसकी आँखे गोल हो उठी...और उसने हैरान होते हुए अपना चुम्बन तोड़ दिया और अपनी नज़रें घुमाकर उसने नीचे देखा.

अजय का लौड़ा किसी नाग की तरह लहराता हुआ उसकी पेंट से निकल कर खड़ा था. और पूजा के हाथ अजय के काले लंड पर लिपटे हुए थे 

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और पहली बार किसी के इतने लंबे लंड को इतने करीब से नंगा देखकर पूजा अपनी सुध बुध खो बैठी...वो चाहकर भी अपने हाथ अजय के लंड से नही हटा पा रही थी 

और फटी हुई आँखो से उसे देखती ही रह गयी..

अजय : "बस एक बार...एक बार चूम लो इसको....प्लीज़...''

पूजा ना में सिर हिलाती रह गयी पर अजय ने उसे अपने लंड पर दबा दिया...उसका सिर्फ़ सिर ही हिल रहा था ना में , नीचे जाने में उसने कोई विरोध नही किया...और जैसे ही अजय के लंड की खुश्बू उसकी नाक से टकराई,पता नही क्या नशा चड़ा उसपर,उसकी आँखे फिर गयी...वो मदहोश सी हो गयी...और एक बार फिर से उसके मुँह से तेज साँसे निकलने लगी...और अजय ने उसकी मदहोशी का फायदा उठाते हुए अपने लंड को उसके होंठों से लगा दिया...और बाकी का काम उसने खुद ब खुद कर लिया...एक ही झटके में वो अजय के लंड को किसी मोटे खीरे की तरह अपने मुँह में ले गयी...

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और फिर अपनी गर्म जीभ उसपर रखकर उसने जोरों से उसे चूसना शुरू कर दिया....अजय का लंड उसके मुंह में ऐसा गया जैसे कोई मोटा गन्ना जूस निकालने वाली मशीन में जा फंसता है , और पूजा उसे चूसकर जूस निकालने में लग गयी और उसे ढेर सारी थूक से नहला दिया...



अजय ने तो सिर्फ़ किस्स करने के लिए बोला था उसे...पर ये शायद उसकी एक और फॅंटेसी थी अपने राजकुमार के लिए, की पहली बार जब उसके लंड को चुसेगी तो क्या करेगी..

बस फिर क्या था....पूजा ने अजय के लंड के साथ ठीक वैसा ही व्यवहार करना शुरू कर दिया जैसा वो उसके होंठों के साथ कर रही थी...

बुरी तरह से उसने अजय के मोटे ताजे लंड को पकड़ कर चूसना , चूमना और चाटना शुरू कर दिया..

अजय ने अपने दोनों हाथों से उसके सिर को पकड़ रखा था...और अपनी आँखे बंद करके उसके होंठों का मज़ा ले रहा था...



और दूर बैठी सोनी को उसने इशारा करके ये भी जता दिया की देखे लो...जो देखने के लिए तुम मरी जा रही थी, वो सब पूजा कर रही है.. 

सोनी ने शायद अपनी लाइफ में आज तक इतने गर्म सीन नही देखे थे, जो अजय और पूजा एक दूसरे के साथ कर रहे थे...उसका एक हाथ फिसलकर उसकी जींस में घुस चुका था और वो वहीं गंदी सी ज़मीन पर , पेड़ के नीचे बैठकर, एक हाथ से अपनी चूत और दूसरे से अपना दाँया स्तन दबा रही थी..

भले ही सोनी थोड़ी दूर थी, पर फिर भी उसकी हरकतों को देखकर, और अपने लंड के उपर चल रहे हमले को महसूस करके अजय एक मिनट में ही झड़ने के करीब पहुँच गया..वैसे तो जिस तरह का कामुक खेल उसके और पूजा के बीच चल रहा था, ऐसे में वो काफ़ी समय पहले ही झड़ चुका होता अगर उसके लंड को सही तरीके से तवज्जो मिली होती, पर पूजा ने जिस जंगली अंदाज में उसके लंड लंड को चूसना शुरू किया तो वो ऑर्गॅज़म जो उसने अपनी इच्छा-अनुसार दबा कर रखा हुआ था, एक भयानक रूप लेकर बाहर निकलने लगा...

और वो अपने झड़ने की खबर पूजा को नही देना चाहता था, क्योंकि वो उसे अपने लंड की गर्म बारिश में भिगो देना चाहता था...

और बिना किसी वॉर्निंग के उसके लंड से एक बारूद सा फूट पड़ा...और वो अपनी कमर तिरछी करके ज़ोर से चिल्लाया...

''आआआआआआहह ........ ओह ...पूज़ाआाआआअ....... ओह..... आई एम कमिंग ...................... ''

और कमिंग वर्ड सुनते ही पूजा का एंटिना एकदम से खड़ा हो गया, और उसने लंड को बाहर निकालना चाहा, पर तब तक देर हो चुकी थी....अजय के लंड ने एक के बाद एक पिचकारियाँ मारकर उसके मुँह को अपने गाड़े रस से भर दिया...



और उपर से अजय ने उसके सिर पर दबाव डालकर अपना रस उगलता हुआ लंड उसके मुँह के और अंदर घुसेड़ दिया...और ऐसा करते ही आख़िरी की पिचकारियाँ सीधा उसकी हलक के अंदर गयी...और साथ ही साथ उसके मुँह में भरा हुआ रस भी...कुछ बाहर गिरा और कुछ अंदर....



पूजा की आँखे बाहर निकलने को हो गयी...ऐसा गेग किया था अजय ने अपने लंड से उसकी हलक को...

और अंत मे अजय ने अपना लंड बाहर खींच लिया...और पूजा खाँसती हुई पीछे हट गयी...

दोनो अपनी-2 हालत को संभालने की कोशिश करने लगे...

पूजा ने अपने पर्स से पानी को बॉटल निकालकर अपना मुँह सॉफ किया...पानी पिया...पर अजय के रस का स्वाद उसके मुँह से जा ही नही रहा था...वैसे तो काफ़ी टेस्टी लगा था वो उसे...पर बेशर्म होकर वो कुछ बोल भी नही सकती थी उसे.

थोड़ी देर बाद दोनो बिना कुछ बोले बाहर की तरफ चल दिए..

अजय ने जाते हुए एक बार पीछे मुड़कर सोनी की तरफ देखा..जो झड़ने के बाद निढाल सी होकर आधी नंगी सी पेड़ के नीचे बैठी थी...

और दोनो के ही मन में सिर्फ़ एक बात चल रही थी..

'कल मिलो ज़रा...तब देखा जाएगा की किसमे कितना दम है.'

वापिस जाते हुए पुर रास्ते पूजा ने अपने जीजू का हाथ नही छोड़ा, वो अजय की बाजू को अपनी बगल में दबा कर बैठी रही और उसे अपने स्तनों की गर्मी प्रदान करती रही.अजय भी उसमे आए इस बदलाव से काफ़ी खुश था.

प्राची काफ़ी देर से उनका इंतजार कर रही थी...वैसे तो अजय ने कॉलेज से निकलने से पहले उसे बता ही दिया था की प्रोग्राम थोड़ा लेट ख़त्म हुआ है इसलिए आने में देर हो जाएगी पर फिर भी एक आदर्श बीबी की तरह वो बिना खाना खाए अजय का वेट कर रही थी.

अजय के साथ पूजा भी उपर आ गयी, क्योंकि काफ़ी रात हो चुकी थी और वो अपने घर वालो को उठाना नही चाहती थी.वैसे भी प्राची ने पहले ही अपनी माँ को बोल दिया था की दोनो लेट आएँगे इसलिए पूजा आज की रात उनके घर ही सो जाएगी.

प्राची ने खाना गर्म किया और सबने मिलकर खाया.

बीच-2 में अजय और पूजा की नज़रें जब भी मिलती तो दोनो के चेहरे पर एक अजीब सी स्माइल आ जाती, पूजा तो अपनी जिंदगी के इस पहले सेक्स एक्सपीरियेन्स से काफ़ी उत्साहित थी..अभी तो सिर्फ़ किस्स और लंड चुसाई ही हुई थी...बाद में जब असली काम शुरू होंगे तो कैसा फील होगा...यही सोचकर वो मुस्कुराए जा रही थी.अब उसे भी अपने ठर्की जीजू अच्छे लगने लगे थे..और लगे भी क्यो नही,ऐसा एक्सपीरियेन्स जो मिला था उसे अपने जीजू से..

अजय के मन में कुछ और ही चल रहा था...वो सोच रहा था की अब ये बात तो पक्की हो चुकी है की आज की रात पूजा उनके घर पर ही रुकेगी..इसलिए रात को मौका देखकर वो थोड़ा आगे बढ़ने की सोच रहा था..चुदाई तो नही पर उसकी कुँवारी चूत के पानी को पीने की त्रीव इच्छा हो रही थी उसे.

उसे अपनी सुहागरात याद आ रही थी,जब उसने अपनी लाइफ में पहली बार किसी की यानी प्राची की चूत चूसी थी...और वो काम उसने चुदाई से पहले किया था...यानी उसने प्राची की चूत जब चूसी थी,तब वो कुँवारी थी..भले ही उसके बाद हर रात उसने वो चूत चुसाई दोहराई थी,पर वो मज़ा आज तक उसे नही मिल पाया था जो कुँवारी चूत को चूसने पर मिला था..कुँवारी चूत में से निकलने वाली वो भीनी सी महक...वो सुगंध आज तक अजय के नथुनों में समायी हुई थी...इसलिए अजय ने ठान लिया था की पूजा की चूत मारने से पहले वो उसकी चूत कम से कम 15-20 बार चुसेगा..

पर हर बार की तरह अजय का ये ख़याल शायद आज की रात पूरा नही होने वाला था.

क्योंकि आज प्राची की चूत में भूकंप आया हुआ था..और वो तो कब से अजय के घर वापिस आने का ही इंतजार कर रही थी...और ऐसे में उसका पूजा के पास जाना बड़ा ही मुश्किल था.

प्राची की प्रेगनेंसी की वजह से वो दोनो ज़्यादा चुदाई नही कर पा रहे थे, इसलिए प्राची की चूत में आज ज्वार भाटे की तरह उफान आ रहे थे...

इसलिए जैसे ही पूजा बाथरूम में कपड़े बदलने के लिए गयी, प्राची झट से आकर अजय की गोद में बैठ गयी.

अजय : "अर्रे ... ये क्या कर रही हो...तुम्हारी बहन ने देख लिया तो...''

प्राची (थोड़े लाड भरे स्वर में) : "देखती है तो देख ले...मुझे कोई फ़र्क नही पड़ता...मैं तो अपने पति की गोद में बैठी हूँ ...किसी गेर की नही...और वैसे भी ..आज बड़ा मन कर रहा है....प्लीज़ जल्दी चलो ना अंदर...''

कहते -2 उसने अपने गीले होंठ अजय के होंठों पर रख दिए और बुरी तरह से चूसने लगी.

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अजय तो उस चुम्मे को देखकर ही समझ गया की आज प्राची उसकी लेकर रहेगी...और इसलिए उसे अपने और पूजा के बीच वाला प्रोग्राम खटाई में जाता हुआ दिखाई दिया.

पर अगले ही पल उसने सोचा की वो तो इधर उधर मुँह मार रहा है, उसकी बीबी का क्या, वो अपनी प्यास बुझाने कहाँ जाए...वैसे भी उसने सुन रखा था की प्रेग्नेन्सी के समय औरत की चुदाई करवाने की इच्छा कई गुना बड़ जाती है...और वैसे भी अपनी बीबी के प्रति भी तो उसका कोई फ़र्ज़ है...और ऐसी हालत में थोड़ा संभलकर ही सही उसे खुश करना उसका फ़र्ज़ है.

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ठरकी दामाद की हवस 25

पूजा : "गाड़ी क्यो रोक दी आपने...''

अजय : "मुझे गाड़ी में घुटन होती है...वैसे भी बाहर देखो,कितनी बढ़िया हवा चल रही है....चलो पार्क में चलकर बैठते है थोड़ी देर...''

पूजा : "जीजू !!!!! इस वक़्त......11 बजने वाले है....प्लीज़ एक किस्स ही तो करनी है आपको...यहीं कर लो ना.....पार्क में जाते हुए मुझे डर लगेगा...और शर्म भी आएगी मुझे..''

अजय : "इस वक़्त कौन होगा जिसे देखकर तुम्हे शर्म आएगी...और मेरे होते हुए तुम्हे डरने की कोई ज़रूरत नही है...मुझपर भरोसा करो और चलो मेरे साथ...और याद रखो, ये तुम्हारी लाइफ की पहली किस है, इसे ऐसी घुटन भरी जगह पर मत करो...बाहर निकलो और खुले आसमान के नीचे चलकर अपनी पहली किस्स का मज़ा लो..''

अजय की बात सुनकर पूजा का चेहरा शर्म से लाल हो उठा..क्योंकि हर लड़की की तरह उसने भी अपने जीवन की पहली किस्स के लिए कई सपने संजोए थे...और आज जब वो घड़ी आई तो वो उन सपनो के बारे में भूल ही चुकी थी..अजय के कहने से वो सपने एक बार फिर से उसकी आँखो के सामने नाचने लगे..

उसने सोचा हुआ था की उसके दिल का राजकुमार , किसी नदी या समुंदर के किनारे उसे अपनी गोद में लिटाकर..उसके फूल से चेहरे को सहलाएगा...अपनी उंगलियों को उसकी आँखो, गालों और रसीले होंठों पर फिराएगा...और फिर धीरे से नीचे झुक कर अपने होंठ उसके नर्म मुलायम होंठों पर रख देगा...और दोनो एक कभी ना टूटने वाले चुंबन के बंधन में बंध जाएँगे...

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"अब चलो भी अंदर....क्या सोचने लगी...''

अजय की आवाज़ सुनकर वो अपने ख़यालो से बाहर आई और झट से गाड़ी से निकलकर उसके साथ पार्क की तरफ चल दी.

रात का समय था,और पार्क बिल्कुल सुनसान सा था...अजय वहां पहले भी कई बार आ चुका था,इसलिए वो पूजा को लेकर थोड़ा अंदर की तरफ चलने लगा..

पूजा : "जीजू...कहाँ जा रहे हो...यहीं कर लो ना ...मुझे डर लग रहा है..''

पूजा उसकी बाजू पकड़ कर और चिपक कर चल रही थी...और अजय को उसके जिस्म से मिल रहे इस एहसास को फील करके काफ़ी मज़ा आ रहा था.

अजय : "बस थोड़ा और अंदर...एक ऐसी जगह है, जो तुम्हे भी पसंद आएगी...''

कहते-2 अजय उसे लेकर और अंदर की तरफ चल दिया.

पूजा को तो इस बात का पता भी नही था, पर अजय को ये एहसास हो चुका था की उनका कोई पीछा कर रहा है...एक सांया था, जो उनके पार्क में आते ही पेड़ों के पीछे से छिप -छिपकर उनके पीछे ही आता चला जा रहा था..

ये सोनी थी..जो एंट्री गेट के पास ही छुपकर अजय और पूजा को अंदर आते हुए देख चुकी थी..

उसे तो लगा था की अजय अंदर आते ही सामने पड़े एक बेंच पर बैठकर या पेड़ के नीचे खड़े होकर पूजा को किस्स करेगा, पर वो अंदर आकर चलता ही चला गया, इसलिए उसे भी छिप -छिपकर उनका पीछा करते हुए उसी तरफ जाना पड़ा,जहाँ वो दोनो जा रहे थे.

थोड़ा अंदर पहुँचकर जब अजय एक स्थान पर रुका तो वहां का नज़ारा देखकर पूजा की आँखे आश्चर्य से फैल गयी.

वहाँ एक छोटी सी झील थी...जिसके किनारे लकड़ी के बेंच और बड़े-2 पत्थर पड़े हुए थे...और उपर से पूर्णमाशी के चाँद की रोशनी से पूरा पार्क जगमगा रहा था...और झील में दो हँसो आ जोड़ा भी तैर रहा था...यानी कुल मिलाकर कुछ-2 वैसा ही रोमॅंटिक माहौल था जैसा पूजा ने सपनों में संजोया हुआ था.

और अजय भी बड़ा हरामी टाइप का था, वो जानता था की ऐसी जगह पर आकर पूजा थोड़ी रोमांटिक हो जाएगी,और फिर उससे कुछ भी करवाना ज़्यादा मुश्किल नही होगा.

अजय सीधा जाकर बेंच पर बैठ गया...और अपना एक हाथ आगे करके उसने पूजा को भी अपनी तरफ बुलाया..

पूजा मंत्रमुग्ध सी होकर अजय की तरफ चल दी.

दूर पेड़ के नीचे बैठी सोनी उन्हे देखकर जल भुन रही थी..

पूजा धीरे-2 चलती हुई बेंच तक आई और धीरे से वो अजय के करीब बैठ गयी...अजय ने उसकी कमर मे हाथ रखकर उसे अपने और करीब खिसका लिया..पूजा ने अपना सिर होले से अजय के कंधे पर रख दिया...

अजय ने अपना चेहरा उसकी तरफ घुमाया और उसके माथे को चूम लिया..अजय के होंठों के स्पर्श से ही पूजा के शरीर में कंपन दौड़ गया...दिल की धड़कने और बढ़ गयी...उसके होंठ भी काँपने लगे..और फिर पूजा ने अपने शरीर को ढीला छोड़ दिया...और वो धीरे-2 फिसलकर नीचे की तरफ जाने लगी...और फिर उसने अपना सिर अजय की गोद में पहुँचा दिया और खुद सीधी होकर बेंच पर लेट गयी...

ये वही पोज़िशन थी जिसमें वो अपने सपनो के राजकुमार से पहली बार अपने होंठों को चुसवाना चाहती थी...

अजय भी अपनी गोद में लेटी पूजा के सेक्सी चेहरे को देखकर रोमांचित हो उठा...चाँद की रोशनी उसके चेहरे पर पड़ रही थी जिसकी वजह से उसका चेहरा और भी ज़्यादा दमक रहा था.

पूजा ने नशीली आँखो से अजय को देखा और उसके सिर के पीछे अपना हाथ रखा और अपनी तरफ करते हुए बोली : "आओ अजय...किस्स मीsssssssssssssssss ...''

ये शायद पहला मौका था जब पूजा ने अपने जीजू को उसके नाम से बुलाया था...पर इस वक़्त की डिमांड भी यही थी, वो अपनी रिश्तेदारी बीच में लाकर अपना मूड खराब नही करना चाहती थी.

अजय ने भी अपनी जीभ से अपने सूखे हुए होंठों को गीला किया और नीचे झुक गया....और पूजा के फूल से चेहरे को अपने हाथों में पकड़कर उसने अपने दहकते हुए होंठ उसके नर्म लबों पर रख दिए...

lip suck

एक बिजली सी कोंध गयी पूजा के शरीर में ...शरीर अकड़ गया...उसके हाथों की पकड़ अजय के सिर पर तेज हो गयी....और उसने किसी नागिन की तरह फ़ुफ़कारना शुरू कर दिया...उसके चेहरे से अजीब तरीके से गर्म साँसे निकलने लगी...शायद उत्तेजनावश हो रहा था ये सब...

अजय ने अपने एक्सपीरियेन्स का इस्तेमाल करते हुए,अपने होंठों को धीरे-2 उसके होंठों पर घुमाया, रगड़ा पर चूसा नही...और सिर्फ़ 30 सेकेंड में वो पीछे हो गया और बोला : "बस...हो गया...चलो अब चलते है...''

और पूजा की तो ऐसी हालत हो गयी जैसे उसके मुँह मे कोई मिठाई डालकर निकाल ली गयी हो...अभी तो उसे किस्स का एहसास मिलना शुरू भी नही हुआ था और अजय ऐसा बोल रहा था...पूजा अपनी लाइफ की पहली किस्स को यादगार बना देना चाहती थी...वो उत्तेजना में भरकर बिफ़र सी गयी और उसने अजय के सिर पर दबाव डालते हुए अपनी तरफ खींचा और बोली : "नोssssssssssssssssss .....अभी नही.....''

और इतना कहते हुए उसने अपने होंठों से अजय के होंठों को इतनी ज़ोर से दबोचा की उसकी चीख निकल गयी जिसे दूर बैठी सोनी ने भी सुना....

lip lock

सोनी तो पूजा का ये रूप देखकर हैरान हुए जा रही थी....की कैसे वो अजय के होंठों को किसी पागल बिल्ली की तरह चूस रही है..

अजय ने अब अपने आप को पूजा के हवाले छोड़ दिया था...उसे पता था की ऐसा ही कुछ होगा...पूजा ने अपने दोनों हाथों को उसकी गर्दन में लपेट कर अपने आप को पूरी तरह से अजय की गोद में पहुँचा दिया था...और उसकी मोटी छातियाँ अजय के चौड़े सीने से रगड़ खाकर बुरी तरह से पिस्स रही थी...

पूजा अपने रसीले होंठों से अजय को बुरी तरह से चूस रही थी....स्मूच कर रही थी वो...अपनी जीभ उसके मुँह में धकेलती ...उसके होंठों को अपने दाँतों से काटती ...अपनी जीभ को किसी ब्रश की तरह अजय के दोनो होंठों और चेहरे पर फिराती...और ये सब लगभग 10 मिनट तक चलता रहा...अब पूजा वो सब कर रही थी जो उसने अपने दिल में सोच के रखा हुआ था की जब वो पहली बार किसी को किस्स करेगी तो ऐसे करेगी...और उपर से वो फ़िल्मो में देखी गयी किस्सेस को ध्यान में रखकर वही करने की कोशिश कर रही थी...और इन सबमे उसे मज़ा भी बहुत आ रहा था..

lip suck

इतनी लंबी किस्स तो अजय ने आज तक नही की थी...पर उसने भी पूजा को नही टोका,आख़िर पूजा की जिंदगी की ये पहली थी...और उपर से ऐसे रोमॅंटिक माहौल ने उसकी भावनाओ को जगा दिया था, जिसकी वजह से वो अजय को छोड़ने का नाम ही नही ले रही थी..

और दस मिनट के बाद जब वो रुकी तो दोनो की हालत खराब हो चुकी थी...दोनो की साँसे फूल चुकी थी...

अपनी सांसो पर काबू पाते हुए अजय ने पूछा : "कैसी रही...तुम्हारी लाइफ की पहली किस्स ....???''

ये सुनकर पूजा के चेहरे पर हँसी आ गयी...और वो बोली : "बिल्कुल वैसी ही,जैसी मैने सोची हुई थी...अब तो आप खुश हो ना...मेरे ठरकी जीजू''

''मेरे ठरकी जीजू'' बोलते हुए उसने एक क्विक किस्स दोबारा कर दी अजय के होंठों पर...

और फिर वो बोली : "अब मत जाना उस सोनी की बच्ची के पास....समझे...''

अजय : "हाँ ....नही जाऊंगा ...और मज़ा तो आया मुझे.....पर एक किस्स अगर मेरे दोस्त को भी कर देती तो वो भी सोनी के पास जाने की ज़िद नही करेगा...''

पूजा की आँखे फैल गयी ये सुनकर, वो बोली : "दोस्त ?????? कौन दोस्त....''

अजय ने उसके हाथ पकड़कर अपने लंड पर रख दिया और बोला : "ये दोस्त....जिसके दिमाग़ में अभी तक सोनी ही बसी हुई है...तुमने मुझे तो राज़ी कर लिया,पर इसे भी तो राज़ी करो,ताकि ये भी वहां नही जाए....''

अजय के ऐसा करते ही पूजा के चेहरे पर पसीना आ गया....वो जड़वत सी होकर रह गयी...एक तो पहली बार उसने किसी को क़िस्स्स की थी, और उपर से पहली बार वो किसी का लंड पकड़ रही थी...

cock in hand

एक ही दिन में 2 झटके मिल रहे थे उसे अपनी लाइफ में.

cntd.........