Sunday, June 7, 2015

बेटा अब मुझे कुतिया बना Ke चोद

बात उन दिनों की है जब मैंने अपने स्कूल ख़तम किया था और कॉलेज ज्वाइन करने वाला था.
मैं शाम को अपने दोस्त के यहाँ से आ रहा था. घर पे आकर देखा तो घर पे ताला लगा था. मैं अपनी पड़ोस वाली आंटी के यहाँ चाबी के लिए पूछने गया तो पता चला कि चाबी उसका बेटा कहीं रख के चला गया है और वो घर में अकेली है. आंटी ने मुझे ड्राइंग रूम मैं बैठने को कहा और ख़ुद बाथरूम में कपड़े धोने चली गई. मैं ड्राइंग रूम में बैठा बोर हो रहा था इसलिये मैं भी बाथरूम के पास जा के खड़ा हो गया और आंटी से बातें करने लगा.
बातो बातो मैं आंटी मुझ से मेरी गर्लफ्रेंड के बारे मैं पूछने लगी. मजाक में मैंने कह दिया कि आंटी मेरी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है और मुझे लड़कियों से बात करने में बहुत शर्म आती है. ये सुन कर आंटी ज़ोर ज़ोर से हँसने लगी और गलती से पानी कपड़ो पे डालने की जगह अपने ऊपर डाल लिया जिस कारण उनका ब्लाऊज़ गीला हो गया और उनकी चूची दिखने लगी. शायद उन्होंने ब्रा नहीं पहनी थी. मैं उनके मस्त चूचों को घूरने लगा.
मुझे घूरता हुआ देख कर आंटी बोली- तुम लड़कियों से बातें करने मैं शरमाते हो पर उनके चुचे देखने में नहीं शरमाते?
यह सुन कर मैं हंसने लगा और फिर से उनके चूचो को घूरने लगा.
मुझे घूरता देख कर आंटी ने कहा- चलो तुम अपनी आँखे बंद करो मैं तुम्हे कुछ दिखाती हूँ.
मैंने अपनी आँखे बंद करली.
१-२ मिनट के बाद आंटी ने कहा- अपनी आँखे खोलो.
मैंने आँखे खोल के देखा तो आंटी बिल्कुल नंगी हो के मेरे सामने खड़ी थी. क्या मस्त गदराया बदन था उनका.
उन्होंने मुझसे हंस के पूछा- बेटा शर्म तो नही आ रही? और फिर पैन्ट के ऊपर से ही मेरा लंड सहलाने लगी. मैंने समय गँवाए बिना अपने सारे कपड़े उतार दिए और आंटी से लिपट कर उन्हें चूमने लगा. आंटी ने चूमते-२ कहा- बेटा अगर मेरे होटों की जगह अगर मेरी चूत को चूमोगे तो मज़ा आ जाएगा.
यह सुन कर मैंने आंटी को गोद में उठा कर उनके पलंग पर लिटा दिया और उनकी चूत को कुत्तो की तरह चाटने लगा. आंटी ज़ोर-२ से " बेटा मजाः आ गया चिल्लाने लगी" और मेरे मुँह में ही अपना सारा माल निकाल दिया. मैं उनका सारा माल पी गया और और उनकी चुचियों को चूसने लगा.
आंटी ने मुझे रोका और बोली- बेटा मुझे भी कुछ करने दे और फिर मेरा लौडा पकड़ कर ज़ोर ज़ोर से हिलाने लगी और फिर अपने मुँह में ले कर लोलीपोप की तरह चूसने लगी. मुझे इतना मज़ा आज तक नहीं आया था जितना कि अब आ रहा था और आने वाला था.
जब आंटी लौडा चूस कर थक गई तो उन्होंने मेरा लौडा पकड़ के अपनी चूत में डाला और कहा- बेटा मुझे स्वर्ग का मज़ा दिला दे !
मैंने ज़ोर से एक धक्का मारा और मेरा आधा लंड उनकी चूत मैं चला गया.
आंटी बोली- बेटा और अन्दर डालो. मैंने फिर एक धक्का मारा और इस बार मेरा पूरा लंड आंटी की चूत में समां गया.
मैंने २०-२५ ज़ोर ज़ोर से धक्के मारे तो आंटी बोली- बेटा अब मुझे कुतिया बना के चोद !
मैंने आंटी को कुतिया की पोसिशन मैं खड़ा किया और इस बार एक ही धक्के में मेरा पूरा लंड उनकी चूत में समां गया. आंटी ज़ोर-२ से आह अह अह...... ओह ओह ओह ओह चिल्लाने लगी. मैंने २०-२५ धक्को के बाद कहा- आंटी मैं झड़ने वाला हूँ !
आंटी बोली- बेटा मैं भी झड़ने वाली हूँ ! और हम दोनों एक साथ झड़ गए. उस दिन हमने करीब ४-५ बार सेक्स किया और फिर मैं अपने घर चला गया. उस दिन के बाद हमें जब भी मौका मिलता हम दोनों सेक्स करते.............

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