Sunday, June 28, 2015

ठरकी दामाद की हवस 23

अजय भी मज़े लेने के मूड में आ गया,उसे पता था की अब कैसे इस मछली को फँसाना है..

वो थोड़ा नाराज़ होने की एक्टिंग करता हुआ बोला : "ओके ...ठीक है फिर...मुझे भी कोई शोंक नही है तुम्हारा बाय्फ्रेंड बनने का...मैं जा रहा हूँ , तुम भी बाहर आ जाना जल्दी..''

और इतना कहकर वो बाहर की तरफ चल दिया...और पूजा बेचारी परेशन होकर उसे जाते हुए देखती रही...अजय उसी तरफ जा रहा था जिस तरफ से उसकी फ्रेंड सोनी आ रही थी..उसकी हालत खराब सी होने लगी...ऐसे में अगर उसका भांडा फूट गया तो उसके कॉलेज में जो धाक उसने जमा रखी थी, वो सब चकना चूर हो जाएगी...वो भागती हुई सी अजय के पीछे गयी और उसे रोका और बोली : "प्लीज़ जीजू....रुक जाओ ना...मेरी फ्रेंड्स आपको देख ही चुकी है अब तो...ऐसे में अगर आप चले गये या उन्हे सच का पता चल गया तो मेरी रेप्युटेशन क्या रह जाएगी कॉलेज में ,ये तो आप अच्छी तरह से जानते है...प्लीज़ जीजू...आप कुछ और माँग लो...सिर्फ़ उस एक चीज़ को छोड़कर...''

अब फंसी मछली काँटे में ...अजय धीरे से रुका और उसकी तरफ देखकर बोला : "चलो ठीक है...वो नही करना तो कोई बात नही...पर उसके अलावा कुछ और तो कर ही सकता हूँ ना...''

बेचारी पूजा का चेहरा पीला पड़ चुका था...वो डरते हुए बोली : "और क्या ...करना है जीजू....''

अजय उसके करीब आया और बोला : "किस्स ......वो तो कर ही सकता हूँ ना...''

वैसे भी पहले अजय ने यही सोचकर बोला था की उसे किस्स के लिए ही बोलेगा ...पर वो तो कुछ और ही सोचकर बिदक गयी...और अब जब अजय ने किस्स करने की बात कही तो पूजा को भी विश्वास नही हुआ की वो इतने सस्ते में छूट रही है...

पूजा : "आर यू श्योर जीजू...सिर्फ़ किस्स ही ना !!!...''

अजय : "हाँ ...सिर्फ़ किस्स ही...''

वैसे तो आज से पहले पूजा ने किसी को भी किस्स नही किया था...पर फिर भी ऐसी सिचुएशन से निकलने के लिए उसे ये किस्स बड़ी छोटी सी चीज़ लग रही थी...वो झट से मान गयी..

और दोनो हाथ में हाथ डालकर उसी तरफ चल दिए ,जहाँ से सोनी आ रही थी.

सोनी ने जब दोनो को ऐसे हाथों मे हाथ डालकर आते हुए देखा तो उसकी झाँटे सुलग गयी...वो कॉलेज में सबसे सेक्सी थी...पर अपनी टक्कर का लड़का उसे आज तक नही मिला था...उस दिन भी वो अजय को देखकर पूजा से जेलिस हो रही थी..और आज भी उन दोनो को ऐसे चिपक कर आता हुआ देखकर उसके चेहरे की रंगत उड़ सी गयी...उसके हिसाब से तो ऐसा हेंडसम लड़का उसका बाय्फ्रेंड होना चाहिए था,ना की पूजा जैसी नॉर्मल सी दिखने वाली लड़की का..जो इंडियन सूट्स और कुरती पहन कर कॉलेज आया करती थी...

दोनो उसके पास पहुँचे और सभी ने एक दूसरे से हाथ मिलाया...अजय का हाथ पकड़कर सोनी तो उसे छोड़ ही नही रही थी...फिर उसके दिमाग़ में एक प्लान आया और वो बोली : "अरे पूजा,तुझे रेणु मेम ढूँढ रही थी...उन्होने तुझे अपने रूम में बुलाया है..अभी के अभी...''

पूजा : "अभी....पर थोड़ी देर पहले तो उन्होने मुझे घर जाने के लिए बोल ही दिया था...और इसलिए मै चेंज करने ही जा रही थी, लगता है कोई ज़रूरी बात करनी होगी...''

फिर अजय को देखकर वो बोली : "तुम यहीं रुकना डार्लिंग,मैं अभी आती हूँ ...और मुझे चेंज भी करना है...'' उसके हाथ मे एक बेग भी था,जिसमे उसके घर से लाए हुए कपड़े थे..

इतना कहकर वो मेम के रूम की तरफ चल दी...और जैसे ही वो आँखो से ओझल हुई, सोनी ने अजय का हाथ पकड़ा और उसे दूसरी तरफ ले जाने लगी..

अजय तो ऐसे सेक्सी माल के हाथों अपना हाथ पकड़े जाने से वैसे ही हवा मे उड़ने लगा, फिर भी उसने जीझकते हुए पूछा : "क्या हुआ...कहाँ ले जा रही हो तुम मुझे.....पूजा मुझे वापिस आकर ढूंढेगी ''

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वो झटके से उसकी तरफ पलटी और बोली : "पूजा कहीं भागी नही जा रही...तुम चलो ज़रा मेरे साथ...मेरे कपड़े उपर मेरी क्लास में है...मुझे अकेले जाते हुए डर लगता है..''

वैसे भी इस वक़्त तक ज़्यादातर लड़किया बाहर निकल चुकी थी...सिर्फ़ टीचर्स और कुछ खास लोग ही रुके हुए थे...सारा समान समेटने के लिए..

और सोनी ने जिस रेणु मेडम के पास पूजा को भेजा था वो भी जा चुकी थी, और ये बात सोनी को अच्छी तरह से पता थी, क्योंकि वो उसके सामने ही निकली थी, वो सिर्फ़ पूजा को वहां से हटाना चाहती थी ताकि अजय के साथ वो कर सके जो उसने अभी-2 सोचा था.

इसलिए अजय को लेकर वो फर्स्ट फ्लोर में बने क्लास रूम की तरफ ले गयी, जहाँ बिल्कुल घुप्प अंधेरा था और कोई आस पास भी नही था...

अजय तो उसके साथ जाते हुए डर भी रहा था, क्योंकि इतना सन्नाटा जो था उपर वाले फ्लोर पर...हल्की-2 लाइट की रोशनी आ रही थी बाहर से...पर सोनी बड़े ही आराम से अपनी गांड मटकाती हुई आगे चली जा रही थी..और लास्ट वाले कमरे में जाकर वो अंदर घुस गयी..और एक अलमारी खोलकर उसने अपना बेग निकाल लिया..

अजय उसे बड़े ही गोर से देख रहा था, साड़ी में वो कयामत लग रही थी..अपनी नाभि से काफ़ी नीचे पहनी हुई थी साड़ी उसने...और उपर से ब्लाउस भी बिल्कुल छोटा सा था..बैकलेस ..जिसकी वजह से उसकी गर्दन के नीचे बना हुआ एक बड़ा सा टैटू सॉफ दिख रहा था..उसकी नाभि के पास भी एक टैटू था...और बाजू पर भी...कुल मिलकर साड़ी और टैटू का कॉम्बिनेशन उसको काफ़ी सेक्सी बना रहे थे...

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सोनी ने बेग से अपने कपड़े निकाले और अजय की तरफ देखा..और फिर बड़े ही सेक्सी स्टाइल में देखते हुए उसने अपनी साड़ी का पल्लू आगे की तरफ गिरा दिया और अपनी साड़ी खोलने लगी...

ये देखते ही अजय की हालत पतली हो गयी...अपनी ही साली के कॉलेज में वो उसकी सहेली के साथ था..और वो साली जो अभी कुछ देर पहले ही उसे किस्स करने का वादा करके गयी थी...वैसे तो ऐसे मौके अजय छोड़ता नही था,पर अपनी साली की तरफ से उसे बड़ा डर लग रहा था, एक तो वो पहले से ही उसे ठरकी के ताज से नवाज चुकी थी ,ऐसे में अगर उसने अजय को सोनी के साथ देख लिया तो किस्स तो क्या वो उसे देखेगी भी नही...इसलिए अजय की गांड फट रही थी..

वो धीरे से बोला : "उम्म्म....तुम चेंज कर लो...मैं बाहर ही खड़ा हूँ ...''

सोनी : "ओह नही....ऐसा मत करो अजय....मुझे बड़ा डर लगता है...तुम बस पाँच मिनट के लिए यहीं खड़े रहो...मैं जल्दी से चेंज कर लेती हूँ ...अंदर आ जाओ प्लीज़...''

अब उसके कहने का तरीका ही इतना सेक्सी था की अजय के कदम वापिस अंदर की तरफ बड़ गये...और वो रोबोट की तरह चलता हुआ बिल्कुल उसके करीब जा पहुँचा...इतने करीब की वो उसके जिस्म से निकल रही भीनी खुश्बू भी महसूस कर पा रहा था..

सोनी मुस्कुराइ और बोली : "ओफफो....इतने पास भी नही..थोड़ा तो दूर रहो ना...''

और वो हंसते हुए अपनी साड़ी फिर से खोलने लगी...

साड़ी खोलकर उसने टेबल पर रख दी...अब वो सिर्फ़ पेटीकोत और ब्लाउस में ही खड़ी थी...

पर अजय की आँखे अभी उसको चोद ही रही थी की उसने बिना किसी झिझक के अपने पेटीकोट का नाड़ा खोला और उसे उतार कर नीचे गिरा दिया..

एकदम छोटी सी और टाइट फिटिंग वाली कच्छी में उसके मांसल कूल्हे और भरी हुई जांघे देखकर अजय के सिर से धुआँ निकलने लगा..

पर सोनी ने वो इतनी आसानी से कर दिया था जैसे उसे कोई फ़र्क ही नही पड़ रहा था...और फिर उतनी ही आसानी से वो उसकी तरफ पलटी और बोली : ''अजय, प्लीज़ मेरे ब्लाउस के हुक खोल दो पीछे से...''

अजय ने तो इस बात की कल्पना भी नही की थी....वो धीरे से आगे बड़ा और अपने काँपते हुए हाथों से उसकी कमर पर लगे हुक खोलने लगा..सोनी भी उसके हाथों के कंपन को महसूस करके हँसने लगी और बोली : "लगता है तुम नर्वस हो रहे हो...''

और इतना कहकर उसने अपनी भरी हुई मटकी जैसी गांड पीछे करते हुए अजय के लंड पर हल्के से मार दी...अजय को तो ऐसा लगा की उसके लंड वाले हिस्से पर किसी ने नरम पिल्लो चिपका दिया है..क्योंकि अपनी गांड पीछे करने के बाद उसने उसे वापिस आगे नही किया, बल्कि गोल-2 करके उसे घुमाने लगी..यानी वो ये काम जान बूझकर कर रही थी...अजय को सामने की तरफ से फुल लाइन देने वाली ये पहली लड़की मिली थी..

पर उसकी किस्मत तो देखो, वो पूजा के डर से खुलकर कुछ कर ही नही पा रहा था..

और ये बात शायद सोनी ने भाँप ली थी..वो उसकी तरफ पलटी और सीधा अपनी बाहें उसके गले मे डाल दी और बड़े ही प्यार से बोली : "ओहो....लगता है पूजा के डर से तुम कुछ भी करने से कतरा रहे हो...

अजय बेचारा कुछ भी ना बोल पाया...सोनी बड़े ही गोर से उसके चेहरे के एक्शप्रेशन पड़ने की कोशिश कर रही थी..और साथ ही साथ अपने हाथों से उसके सीने को भी सहला रही थी..

अजय : "ना....नही हो....ऐसा कुछ नही है...पर वो...वो पूजा...नीचे...''

सोनी ने उसके होंठों पर अपनी उंगली रखते हुए कहा : "श्ह्ह्ह्ह्ह ......भूल जाओ उसको...थोड़ी देर के लिए...जब इतनी सेक्सी लड़की तुम्हारे सामने खड़ी है तो उस बहनजी का नाम क्यों ले रहे हो...आई नो उसने तुम्हे अभी तक कुछ भी करने नही दिया होगा...''

अजय ये सुनकर हैरान रह गया...वो बोला : "तुम्हे कैसे पता ??''

सोनी : "मैं जानती हू उसको अच्छी तरह से...जिस तरहा के कपड़े वो पहनती है...जिस तरह की बातें वो करती है...उसे देखकर सब पता चल जाता है...सिर्फ़ सुन्दर दिखने से कुछ नही होता..उस सुंदरता का इस्तेमाल भी किया जाए तभी जवानी का असली मज़ा मिलता है...जैसे मैं करती हू...और खासकर तब जब लड़का तुम्हारे जैसा हेंडसम हो ''

इतना कहकर उसने अजय के हाथ को पकड़ा और अपनी ब्रेस्ट पर रखकर ज़ोर से दबा दिया..

अजय के पूरे जिस्म में करंट सा दौड़ गया...वो चाहकर भी अपना हाथ नही खींच पाया वापिस...

वो बोला : "पर तुम ये सब क्यों कर रही हो...तुम तो जानती हो की मैं तुम्हारी फ्रेंड का बी एफ हूँ ...फिर मेरे साथ ये सब क्यो...?''

सोनी : "सोनी को जो चीज़ एक बार पसंद आ जाती है, वो उसे पाकर ही रहती है...बहुत बड़ी ठरकी टाइप की लड़की हूँ मैं सेक्स के मामले में ...इसलिए मुझे जो चाहिए...मैं उसे किसी भी कीमत पर पाकर ही रहती हूँ ...फिर चाहे इसके लिए मुझे अपनी सहेली से ही हाथ क्यो ना धोना पड़े...''

किसी लड़की का खुद को ठरकी कहना अजय को बहुत पसंद आया...देखा जाए तो वो उसी की बिरादरी की थी...उसके जैसा ही सोच रही थी वो...बस वो खुले विचारो की थी इसलिए उसे किसी भी चक्करों मे पड़ने की भी चिंता नही थी..और उसकी बातों से सॉफ पता चल रहा था की चुदाई तो उसने जी भर कर की होगी..इसलिए अजय के साथ इस वक़्त वो क्या करने की सोच रही थी इसका अंदाज़ा लगाना ज़्यादा मुश्किल नही था अजय के लिए..

सोनी ने अपने हाथ पीछे किये और उन हुक्स को बड़ी आसानी से खोल दिया जिसे खोलने के लिए अजय के हाथ कांप रहे थे, उसने ब्लाउस निकाल कर नीचे फेंक दिया और अब वो उसके सामने सिर्फ ब्रा और पेंटी में खड़ी थी, जिसमे वो बहुत ही सेक्सी लग रही थी 

girl in bra

ये पहला फल था जो उसकी झोली में बिना किसी मेहनत और इच्छा के आ गिरा था...और अब अजय के उपर था की वो उसके साथ क्या - 2 कर सकता था..

पर हमेशा वो नही होता जो इंसान सोचता है...अजय के साथ भी कुछ ऐसा ही होने वाला था..

cntd.......

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