पूजा जब बाहर आई तो उन्हे ऐसे बातें करता देखकर उसे पता नही क्यो अंदर ही अंदर रिया के लिए डर सा सताने लगा..क्योंकि जितनी भोली उसकी कजिन थी उतने ही चालक उसके जीजू थे..ऐसे में वो अकेले में रहकर उसका कितना फायदा उठा सकते है ये बताने की ज़रूरत नही थी..
उसने भी निश्चय कर लिया की वो आज रात से ही रिया को अच्छे से ट्रैनिंग देनी शुरू कर देगी..और ज़्यादा से ज़्यादा रिया के साथ रहने की कोशिश करेगी ताकि उसके जीजू या और भी कोई उसका कोई ग़लत फायदा ना उठा सके..
और अंदर ही अंदर पता नही क्यों पर पूजा को अपने जीजू पर पहला हक उसका खुद का लग रहा था...क्योंकि रिया के आने से पहले भी उसके जीजू उसके साथ छेड़ छाड़ करते रहते थे, भले ही उपर से वो थोड़ा बहुत गुस्सा दिखाती थी पर अंदर ही अंदर उसे वो सब कब अच्छा लगने लग गया था वो भी नही जानती थी...और अब रिया के साथ जब उसके जीजू वही सब शरारतें कर रहे है तो वो अपने आप को पीछे छूटता हुआ महसूस कर रही थी...
अजय कुछ देर तक बैठा रहा और फिर चला गया...और वहां से निकल कर वो अपने घर नही गया बल्कि एक दोस्त से मिलने चला गया,क्योंकि अभी अपनी बीबी को वो थोड़ा और गुस्सा दिखाना चाहता था..उसे पता था की ऐसी बीबियों को ठीक करने का यही तरीका है
और उसके जाने के बाद पूजा ने रिया को समझाया की ऐसे बिना सोचे समझे कोई भी बात हर किसी के आगे नही बोलनी चाहिए...और क्या-2 नही बोलना चाहिए इसकी ट्रेनिंग आज रात को वो उसको देगी...
रात को पूजा जब अपने कमरे में पहुँची तो रिया पहले से ही उसके बेड पर आ चुकी थी...उसने सिल्क की स्ट्रेप वाली शमीज़ और उसी कपड़े की छोटी सी निक्कर पहनी हुई थी...बिल्कुल बेबी डॉल लग रही थी वो उसमे...और बड़ी ही सेक्सी...
पूजा ने उसे देखकर सोचा 'ऐसे मे अगर जीजू ने इसको देख लिया तो अभी इसके साथ सुहागरात मना डालेंगे...'
और अपनी बात पर उसे खुद ही हँसी आ गयी...ये सोचकर भी की कैसे अब हर बात में वो जीजू के बारे में सोचने लगी है..
उसे ऐसे दरवाजे पर खड़ा हुआ मुस्कुराता हुआ देखकर रिया बोली : "अरे दीदी...क्या हुआ...आप वहां खड़े हुए क्या सोचकर मुस्कुरा रहे हो...आओ ना यहाँ पर जल्दी...''
उसे शायद अपनी ट्रैनिंग स्टार्ट करने की जल्दी थी.
पूजा ने वही शाम वाली टी शर्ट और जीन्स पहना हुआ था...अब उसके पास रिया जैसी कोई सेक्सी नाइट ड्रेस तो थी नही..पर फिर भी वो अपने आप को उससे कम नही दिखाना चाहती थी...इसलिए अंदर आते ही पूजा ने दरवाजा बंद किया और शीशे के सामने खड़े होकर कुछ देर तक अपना फिगर देखती रही और फिर एक ही झटके मे अपनी टी शर्ट उतार कर साइड में रख दी ..और अब वो सिर्फ़ एक ब्रा में खड़ी थी शीशे के सामने...
दूर बैठी रिया उसे ऐसे करता देखकर हैरान रह गयी...क्योंकि पूजा तो खुद ही उसे ढंग से रहने के और कपड़े सही से पहनने के तरीके बताती थी...ऐसे में वो खुद ही उसके सामने सिर्फ ब्रा में खड़ी होकर शीशे में अपना फिगर देखकर इतरा रही थी,ये थोड़ा अजीब सा लगा उसे...पर वो उस झटके से उबर भी नही पाई थी की एक और झटका देते हुए पूजा ने अपनी जीन्स भी उतार दी...और अब वो मेचिंग पेंटी में खड़ी थी उसके सामने...पीछे बैठी हुई रिया तो उसकी भरी हुई गांड देखकर हैरान रह गयी...क्योंकि ऐसी गांड तो वो खुद की ही चाहती थी...इतनी भरी हुई सी और गूदेदार ....
पूजा भी धड़कते दिल से शायद पहली बार ये सब कर रही थी...उसने आज तक ये काम अकेले में नही किए थे जो वो इतनी निडरता के साथ रिया के सामने कर रही थी...
फिर वो अपनी अलमारी की तरफ गयी और उसमे से झुककर कुछ ढूँढने लगी...और फिर काफ़ी देर बाद उसे वो मिल ही गया जो तलाश कर रही थी वो...वो एक रेपरोन था..जो बिल्कुल झीने कपड़े का बना हुआ था...उसने वो पहना और ऐसे ही चलती हुई बेड तक आ गयी...और सच में अब वो रिया से भी सेक्सी लग रही थी..
रिया : "दीदी ....ये क्या हो गया है आपको...मैने तो आज तक आपको ऐसे कपड़ो में नही देखा...और आपने अभी उपर भी कुछ नही पहना..यानी ...सिर्फ़ ब्रा ही तो है...''
पूजा : "देख गुड़िया....तुझे अब मेरे साथ रोज सोना है तो तू ये बात जान ले, मैं ऐसे ही सोती हू...बिना टॉप के....और कभी-2 तो टॉपलेस होकर भी....''
वो मुस्कुराती हुई बोली ...
रिया तो उसकी ये बात सुनकर वो इमेजिन ही करने लगी की पूजा नंगी सी होकर सो रही है इस बेड पर...
पूजा : "पर इसका मतलब ये नही है की मैं बाहर भी ऐसी हू...तू तो जानती है, मैं बाहर काफ़ी संभलकर रहती हू...और कपड़े भी ढंग के ही पहनती हू...ताकि कोई अपनी गंदी नज़रों से मुझे ना चोद सके...''
उसने ''चोद'' शब्द का इस्तेमाल बड़ी आसानी से रिया के सामने कर दिया..
रिया (मुंह गोल करते हुए) : "चोद सके ???? कोई भला नज़रों से कोई कैसे चोद सकता है दीदी ??''
पूजा : "तू सच में बड़ी भोली है मेरी प्यारी बहना...इसलिए तो मैने तुझे अपने साथ सुलाने का फ़ैसला किया है ...अब से तू हमेशा मेरे साथ रहा कर...और जैसा मैं समझाऊ ,वो समझकर ही चला कर...''
उसकी बात सुनकर थोड़ी देर तक तो वो कुछ सोचती रही और फिर एकदम से उसने भी अपनी वो सेक्सी सी शमीज़ उतार कर साइड में फेंक दी...और अंदर तो उसने जो ब्रा पहनी हुई थी वो और भी ज़्यादा सेक्सी थी...जिसमे फंसी हुई उसकी नर्म मुलायम छातियाँ बड़ी ही सेक्सी लग रही थी..
पूजा : "अरे...ये क्या कर रही है पगली ???''
रिया : "अरे दीदी...आपने ही तो कहा ना अभी...जैसा आप कहेंगी ,वो समझा करू....तो आप जब बिना टॉप के हैं तो मैं भला क्यों ऐसे रहु....''
बेचारी पूजा अपनी ही बात में खुद फँस गयी थी..
खैर, पूजा ने नाइट बल्ब जलाया और बेड पर आ गयी...
और शाम को हुई जीजू के सामने वाली बात छेड़ दी...जिसमे वो ठरकी का मतलब जानने की कोशिश कर रही थी..
और अब पूजा ने उसे विस्तार से बताया की असल में ठरकी किसे कहते हैं
पूजा : "देख रिया...वैसे तो हर आदमी में ठरक होती है...इन्फेक्ट लड़कियों में भी, पर वो ज़्यादा दिखाती नही है...आदमी के सामने कोई भी जवान लड़की या औरत आती है तो वो उसे ऐसी नज़रों से देखता है जैसे वो वही उसका रेप कर देगा...वैसे तो उनका ऐसा देखना ग़लत होता है पर कई लड़किया इसे भी एंजाय करती है...और मैं नही चाहती की तू भी उनमे से हो...हम लड़कियों को थोड़ी अकड़ में रहना पड़ता है, ताकि ऐसे लड़के हमारे आगे पीछे घूमे,नही तो हमारी वैल्यू कुछ भी नही रहेगी...''
रिया तो उसकी बातें ऐसे सुन रही थी जैसे कोई प्रवचन चल रहा हो...वो सुनती रही और फिर लास्ट मे बोली : "पर दीदी...आपने जैसा कहा की ये ठरक हमारे अंदर भी होती है...तो हमेशा ऐसा क्यो होता है की लड़के ही वो सब मज़ा ले, हमे भी तो हक है अपने अंदर की भावनाओ को व्यक्त करने का...आई मीन जो काम वो कर सकते हैं वही काम हम करे तो इसमे भला क्या ग़लत है...''
धाक के तीन पात...इतनी देर से जो बात पूजा उसको समझाने की कोशिश कर रही थी,वो उससे उल्टा ही सोच रही थी अब तक....
फिर उसने रिया को उसके हिसाब से समझना : "देख रिया, कभी-2 तो चलता है पर हमेशा अपनी भावनाए व्यक्त नही करनी चाहिए...जैसा की अभी हम दोनो अपने कमरे में बिना टॉप के सो रही है, पर बाहर जाने के लिए तो हमे कुछ पहनना ही होगा ना, ऐसे ही आपस में तो हम भले ही कुछ भी कर ले या बोल ले, पर बाहर की दुनिया को हमे अपना दूसरा रूप ही दिखाना होता है...''
रिया कुछ नही बोली...वो उसकी भारी भरकम बातों के जाल से बचना चाहती थी...इसलिए उसने बात ही बदल दी, वो बोली : "चलो छोड़ो दीदी ये सब बातें....मैं बाहर तो रह लूँगी आपके हिसाब से, पर आप तो मुझे जीजू के सामने भी ऐसी बातें करने से रोक रही थी...वो तो अपने ही है ना...मेरा इतना ध्यान भी रखते हैं...उनसे भला क्या प्राब्लम.."
अब भला पूजा उसे सॉफ-2 कैसे कहती की वही तो दुनिया का सबसे बड़ा ठरकी है जिससे बचने के लिए वो ये सब भाषण दे रही है...पर वो बोल नही पाई...अपने ही जीजू को वो बदनाम भी नही करना चाहती थी..और वो भी रिया के सामने,जिसे इतनी भी समझ नही है की कोई बात सुनकर उसे अपने तक ही रख ले, क्या पता कल जाकर वो प्राची दीदी को ही ये सब बक दे की पूजा उनके पति के बारे में कैसी-2 पट्टियां पड़ा रही है उसे...
आज पहला दिन था वैसे भी, इसलिए उसे और समझाकर वो रिया पर भी ज़्यादा बोझ नही डालना चाहती थी...इसलिए बस मुस्कुरा कर रह गयी
और थोड़ी देर और इधर-2 की बातें करने के बाद वो सो गये...कल कुछ और सीखने की बात करके...
और रिया तो अगले दिन अपने जीजू के साथ बाहर जाने की बात पर बड़ी एक्ससाइटेड थी...और उसने सोच भी लिया था की अब अपनी किसी भी बेवकूफी से वो अपने प्यारे जीजू को नाराज़ नही करेगी..
to be continued...............
उसने भी निश्चय कर लिया की वो आज रात से ही रिया को अच्छे से ट्रैनिंग देनी शुरू कर देगी..और ज़्यादा से ज़्यादा रिया के साथ रहने की कोशिश करेगी ताकि उसके जीजू या और भी कोई उसका कोई ग़लत फायदा ना उठा सके..
और अंदर ही अंदर पता नही क्यों पर पूजा को अपने जीजू पर पहला हक उसका खुद का लग रहा था...क्योंकि रिया के आने से पहले भी उसके जीजू उसके साथ छेड़ छाड़ करते रहते थे, भले ही उपर से वो थोड़ा बहुत गुस्सा दिखाती थी पर अंदर ही अंदर उसे वो सब कब अच्छा लगने लग गया था वो भी नही जानती थी...और अब रिया के साथ जब उसके जीजू वही सब शरारतें कर रहे है तो वो अपने आप को पीछे छूटता हुआ महसूस कर रही थी...
अजय कुछ देर तक बैठा रहा और फिर चला गया...और वहां से निकल कर वो अपने घर नही गया बल्कि एक दोस्त से मिलने चला गया,क्योंकि अभी अपनी बीबी को वो थोड़ा और गुस्सा दिखाना चाहता था..उसे पता था की ऐसी बीबियों को ठीक करने का यही तरीका है
और उसके जाने के बाद पूजा ने रिया को समझाया की ऐसे बिना सोचे समझे कोई भी बात हर किसी के आगे नही बोलनी चाहिए...और क्या-2 नही बोलना चाहिए इसकी ट्रेनिंग आज रात को वो उसको देगी...
रात को पूजा जब अपने कमरे में पहुँची तो रिया पहले से ही उसके बेड पर आ चुकी थी...उसने सिल्क की स्ट्रेप वाली शमीज़ और उसी कपड़े की छोटी सी निक्कर पहनी हुई थी...बिल्कुल बेबी डॉल लग रही थी वो उसमे...और बड़ी ही सेक्सी...
पूजा ने उसे देखकर सोचा 'ऐसे मे अगर जीजू ने इसको देख लिया तो अभी इसके साथ सुहागरात मना डालेंगे...'
और अपनी बात पर उसे खुद ही हँसी आ गयी...ये सोचकर भी की कैसे अब हर बात में वो जीजू के बारे में सोचने लगी है..
उसे ऐसे दरवाजे पर खड़ा हुआ मुस्कुराता हुआ देखकर रिया बोली : "अरे दीदी...क्या हुआ...आप वहां खड़े हुए क्या सोचकर मुस्कुरा रहे हो...आओ ना यहाँ पर जल्दी...''
उसे शायद अपनी ट्रैनिंग स्टार्ट करने की जल्दी थी.
पूजा ने वही शाम वाली टी शर्ट और जीन्स पहना हुआ था...अब उसके पास रिया जैसी कोई सेक्सी नाइट ड्रेस तो थी नही..पर फिर भी वो अपने आप को उससे कम नही दिखाना चाहती थी...इसलिए अंदर आते ही पूजा ने दरवाजा बंद किया और शीशे के सामने खड़े होकर कुछ देर तक अपना फिगर देखती रही और फिर एक ही झटके मे अपनी टी शर्ट उतार कर साइड में रख दी ..और अब वो सिर्फ़ एक ब्रा में खड़ी थी शीशे के सामने...
दूर बैठी रिया उसे ऐसे करता देखकर हैरान रह गयी...क्योंकि पूजा तो खुद ही उसे ढंग से रहने के और कपड़े सही से पहनने के तरीके बताती थी...ऐसे में वो खुद ही उसके सामने सिर्फ ब्रा में खड़ी होकर शीशे में अपना फिगर देखकर इतरा रही थी,ये थोड़ा अजीब सा लगा उसे...पर वो उस झटके से उबर भी नही पाई थी की एक और झटका देते हुए पूजा ने अपनी जीन्स भी उतार दी...और अब वो मेचिंग पेंटी में खड़ी थी उसके सामने...पीछे बैठी हुई रिया तो उसकी भरी हुई गांड देखकर हैरान रह गयी...क्योंकि ऐसी गांड तो वो खुद की ही चाहती थी...इतनी भरी हुई सी और गूदेदार ....
पूजा भी धड़कते दिल से शायद पहली बार ये सब कर रही थी...उसने आज तक ये काम अकेले में नही किए थे जो वो इतनी निडरता के साथ रिया के सामने कर रही थी...
फिर वो अपनी अलमारी की तरफ गयी और उसमे से झुककर कुछ ढूँढने लगी...और फिर काफ़ी देर बाद उसे वो मिल ही गया जो तलाश कर रही थी वो...वो एक रेपरोन था..जो बिल्कुल झीने कपड़े का बना हुआ था...उसने वो पहना और ऐसे ही चलती हुई बेड तक आ गयी...और सच में अब वो रिया से भी सेक्सी लग रही थी..
रिया : "दीदी ....ये क्या हो गया है आपको...मैने तो आज तक आपको ऐसे कपड़ो में नही देखा...और आपने अभी उपर भी कुछ नही पहना..यानी ...सिर्फ़ ब्रा ही तो है...''
पूजा : "देख गुड़िया....तुझे अब मेरे साथ रोज सोना है तो तू ये बात जान ले, मैं ऐसे ही सोती हू...बिना टॉप के....और कभी-2 तो टॉपलेस होकर भी....''
वो मुस्कुराती हुई बोली ...
रिया तो उसकी ये बात सुनकर वो इमेजिन ही करने लगी की पूजा नंगी सी होकर सो रही है इस बेड पर...
पूजा : "पर इसका मतलब ये नही है की मैं बाहर भी ऐसी हू...तू तो जानती है, मैं बाहर काफ़ी संभलकर रहती हू...और कपड़े भी ढंग के ही पहनती हू...ताकि कोई अपनी गंदी नज़रों से मुझे ना चोद सके...''
उसने ''चोद'' शब्द का इस्तेमाल बड़ी आसानी से रिया के सामने कर दिया..
रिया (मुंह गोल करते हुए) : "चोद सके ???? कोई भला नज़रों से कोई कैसे चोद सकता है दीदी ??''
पूजा : "तू सच में बड़ी भोली है मेरी प्यारी बहना...इसलिए तो मैने तुझे अपने साथ सुलाने का फ़ैसला किया है ...अब से तू हमेशा मेरे साथ रहा कर...और जैसा मैं समझाऊ ,वो समझकर ही चला कर...''
उसकी बात सुनकर थोड़ी देर तक तो वो कुछ सोचती रही और फिर एकदम से उसने भी अपनी वो सेक्सी सी शमीज़ उतार कर साइड में फेंक दी...और अंदर तो उसने जो ब्रा पहनी हुई थी वो और भी ज़्यादा सेक्सी थी...जिसमे फंसी हुई उसकी नर्म मुलायम छातियाँ बड़ी ही सेक्सी लग रही थी..
पूजा : "अरे...ये क्या कर रही है पगली ???''
रिया : "अरे दीदी...आपने ही तो कहा ना अभी...जैसा आप कहेंगी ,वो समझा करू....तो आप जब बिना टॉप के हैं तो मैं भला क्यों ऐसे रहु....''
बेचारी पूजा अपनी ही बात में खुद फँस गयी थी..
खैर, पूजा ने नाइट बल्ब जलाया और बेड पर आ गयी...
और शाम को हुई जीजू के सामने वाली बात छेड़ दी...जिसमे वो ठरकी का मतलब जानने की कोशिश कर रही थी..
और अब पूजा ने उसे विस्तार से बताया की असल में ठरकी किसे कहते हैं
पूजा : "देख रिया...वैसे तो हर आदमी में ठरक होती है...इन्फेक्ट लड़कियों में भी, पर वो ज़्यादा दिखाती नही है...आदमी के सामने कोई भी जवान लड़की या औरत आती है तो वो उसे ऐसी नज़रों से देखता है जैसे वो वही उसका रेप कर देगा...वैसे तो उनका ऐसा देखना ग़लत होता है पर कई लड़किया इसे भी एंजाय करती है...और मैं नही चाहती की तू भी उनमे से हो...हम लड़कियों को थोड़ी अकड़ में रहना पड़ता है, ताकि ऐसे लड़के हमारे आगे पीछे घूमे,नही तो हमारी वैल्यू कुछ भी नही रहेगी...''
रिया तो उसकी बातें ऐसे सुन रही थी जैसे कोई प्रवचन चल रहा हो...वो सुनती रही और फिर लास्ट मे बोली : "पर दीदी...आपने जैसा कहा की ये ठरक हमारे अंदर भी होती है...तो हमेशा ऐसा क्यो होता है की लड़के ही वो सब मज़ा ले, हमे भी तो हक है अपने अंदर की भावनाओ को व्यक्त करने का...आई मीन जो काम वो कर सकते हैं वही काम हम करे तो इसमे भला क्या ग़लत है...''
धाक के तीन पात...इतनी देर से जो बात पूजा उसको समझाने की कोशिश कर रही थी,वो उससे उल्टा ही सोच रही थी अब तक....
फिर उसने रिया को उसके हिसाब से समझना : "देख रिया, कभी-2 तो चलता है पर हमेशा अपनी भावनाए व्यक्त नही करनी चाहिए...जैसा की अभी हम दोनो अपने कमरे में बिना टॉप के सो रही है, पर बाहर जाने के लिए तो हमे कुछ पहनना ही होगा ना, ऐसे ही आपस में तो हम भले ही कुछ भी कर ले या बोल ले, पर बाहर की दुनिया को हमे अपना दूसरा रूप ही दिखाना होता है...''
रिया कुछ नही बोली...वो उसकी भारी भरकम बातों के जाल से बचना चाहती थी...इसलिए उसने बात ही बदल दी, वो बोली : "चलो छोड़ो दीदी ये सब बातें....मैं बाहर तो रह लूँगी आपके हिसाब से, पर आप तो मुझे जीजू के सामने भी ऐसी बातें करने से रोक रही थी...वो तो अपने ही है ना...मेरा इतना ध्यान भी रखते हैं...उनसे भला क्या प्राब्लम.."
अब भला पूजा उसे सॉफ-2 कैसे कहती की वही तो दुनिया का सबसे बड़ा ठरकी है जिससे बचने के लिए वो ये सब भाषण दे रही है...पर वो बोल नही पाई...अपने ही जीजू को वो बदनाम भी नही करना चाहती थी..और वो भी रिया के सामने,जिसे इतनी भी समझ नही है की कोई बात सुनकर उसे अपने तक ही रख ले, क्या पता कल जाकर वो प्राची दीदी को ही ये सब बक दे की पूजा उनके पति के बारे में कैसी-2 पट्टियां पड़ा रही है उसे...
आज पहला दिन था वैसे भी, इसलिए उसे और समझाकर वो रिया पर भी ज़्यादा बोझ नही डालना चाहती थी...इसलिए बस मुस्कुरा कर रह गयी
और थोड़ी देर और इधर-2 की बातें करने के बाद वो सो गये...कल कुछ और सीखने की बात करके...
और रिया तो अगले दिन अपने जीजू के साथ बाहर जाने की बात पर बड़ी एक्ससाइटेड थी...और उसने सोच भी लिया था की अब अपनी किसी भी बेवकूफी से वो अपने प्यारे जीजू को नाराज़ नही करेगी..
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